Revelation


1

1 ई यीशु मसीह द्वारा प्रगट कयल बात अछि। ई हुनका परमेश्‍वर द्वारा देखाओल गेलनि, जाहि सँ ओ अपन सेवक सभ केँ ओ घटना सभ देखबथि जे जल्‍दी होमऽ वला अछि। यीशु मसीह अपन स्‍वर्गदूत पठा कऽ अपन सेवक यूहन्‍ना केँ एहि बात सभक जानकारी देलनि, 2 और यूहन्‍ना जे किछु देखलनि, अर्थात्, परमेश्‍वरक वचन आ यीशु मसीह जे गवाही देलनि, से सभ बात एहि पुस्‍तक मे लिखलनि। 3 धन्‍य अछि ओ जे एहि भविष्‍यवाणी केँ पढ़ैत अछि, आ धन्‍य अछि ओ सभ जे एकरा सुनैत अछि और एहि मे लिखल बात सभक पालन करैत अछि, किएक तँ ओ समय लगचिआ गेल अछि जहिया ई घटना सभ होयत। 4 आसिया प्रदेशक सातो मसीही मण्‍डली केँ यूहन्‍नाक ई पत्र— ओ जे छथि, जे छलाह आ जे आबहो वला समय मे रहताह, से, आ हुनका सिंहासनक समक्ष उपस्‍थित रहऽ वला सात आत्‍मा आ यीशु मसीह, से, अहाँ सभ पर कृपा करथि आ शान्‍ति देथि। यीशु मसीह विश्‍वसनीय गवाह छथि, मुइल सभ मे सँ पहिल जीबि उठऽ वला छथि आ पृथ्‍वीक राजा सभक उपर शासन करऽ वला छथि। ओ जे अपना सभ सँ प्रेम करैत छथि, जे अपन खून द्वारा अपना सभ केँ पाप सँ मुक्‍त कऽ देने छथि, 6 ओ जे अपना सभ केँ अपन राज्‍य बनौने छथि और अपन पिता परमेश्‍वरक सेवा करबाक लेल पुरोहित बनौने छथि—तिनकर युगानुयुग स्‍तुति आ सामर्थ्‍य होइत रहनि। आमीन। 7 देखू, ओ मेघ सभक संग आबऽ वला छथि। हुनका सभ लोक अपना आँखि सँ देखतनि, ओहो सभ देखतनि जे सभ हुनका भाला सँ भोंकने छलनि। पृथ्‍वी परक समस्‍त जातिक लोक हुनका कारण कन्‍ना-रोहटि करत। ई सभ बात निश्‍चित होयत। आमीन। 8 प्रभु परमेश्‍वर कहैत छथि जे, “शुरुआत और अन्‍त हमहीं छी। हम वैह छी, जे छथि, जे छलाह, जे आबहो वला समय मे रहताह—वैह, जे सर्वशक्‍तिमान छथि।” 9 हम यूहन्‍ना, जे अहाँ सभक भाय छी, अहाँ सभक संग ओहि कष्‍ट, राज्‍य आ सहनशीलता मे सहभागी छी जे यीशुक लोक होयबाक कारणेँ अपना सभ केँ होइत अछि। हम परमेश्‍वरक वचनक प्रचार करबाक कारणेँ आ यीशुक सम्‍बन्‍ध मे गवाही देबाक कारणेँ पतमुस द्वीप मे बन्‍दी छलहुँ। 10 “प्रभुक दिन” मे हमरा प्रभुक आत्‍मा अपना नियन्‍त्रण मे लेलनि, और हम अपना पाछाँ धुतहूक आवाज जकाँ किनको आवाज जोर सँ ई कहैत सुनलहुँ जे, 11 “जे किछु तोँ देखबह तकरा पुस्‍तक मे लिखिहह आ ओकरा इफिसुस, स्‍मुरना, पिरगमुन, थूआतीरा, सरदीस, फिलादेलफिया आ लौदीकिया समेत एहि सातो शहरक मण्‍डली केँ पठा दिहक।” 12 हमरा ई के कहि रहल छथि तिनका देखबाक लेल हम घुमलहुँ आ घूमि कऽ हम दीप राखऽ वला सातटा सोनाक लाबनि देखलहुँ। 13 ओहि लाबनिक बीच केओ ठाढ़ छलाह जे मनुष्‍य-पुत्र जकाँ लगैत छलाह। ओ पयर धरि लम्‍बा वस्‍त्र पहिरने छलाह और अपन छाती पर सोनाक चौड़ा पट्टी बन्‍हने छलाह। 14 हुनकर माथक केश ऊन वा बर्फ सन उज्‍जर छलनि, आ हुनकर आँखि आगि जकाँ धधकि रहल छलनि। 15 हुनकर पयर आगि मे धिपाओल पित्तरि जकाँ चमकि रहल छलनि आ हुनकर बजनाइ समुद्रक गरजनाइ जकाँ सुनाइ दैत छल। 16 हुनका दहिना हाथ मे सातटा तारा छलनि आ हुनका मुँह सँ एक तेज दूधारी तरुआरि निकलि रहल छलनि। हुनकर चेहरा दुपहरक सूर्य जकाँ चमकैत छलनि। 17 हुनका देखिते हम मरल जकाँ हुनका चरण पर खसि पड़लहुँ। तखन ओ अपन दहिना हाथ हमरा पर रखलनि आ कहलनि जे, “नहि डेराह, हम पहिल आ अन्‍तिम छी। 18 हम वैह छी जे जीवित छथि। हम मरि गेल छलहुँ, मुदा देखह, हम आब युगानुयुग जीवित छी! मृत्‍यु आ पातालक कुंजी हमरा लग अछि। 19 एहि लेल, जे बात सभ तोँ देखलह, अर्थात्, जे बात सभ भऽ रहल अछि आ जे बात सभ एकर बाद मे होमऽ वला अछि, तकरा लिखि लैह। 20 तोँ जे सातटा तारा हमरा दहिना हाथ मे देखलह तकर, आ एतऽ जे सोनाक सातटा लाबनि अछि, तकर रहस्‍य ई अछि—सातटा तारा सातो मण्‍डलीक दूत सभ अछि आ ई सातटा लाबनि सातटा मण्‍डली अछि।

Revelation 2

1 “इफिसुसक मण्‍डलीक दूत केँ ई लिखह, ओ जे अपन दहिना हाथ मे सातो तारा धयने छथि आ दीप राखऽ वला सोनाक सातो लाबनिक बीच चलैत-फिरैत छथि से ई कहैत छथि— 2 हम अहाँक काज सभ सँ, अहाँक परिश्रम आ अहाँक सहनशीलता सँ परिचित छी। हम जनैत छी जे अहाँ दुष्‍ट लोक सभ केँ बरदास्‍त नहि करैत छी। जे सभ अपना केँ मसीह-दूत कहैत अछि मुदा अछि नहि, तकरा सभ केँ अहाँ जाँच कयने छी आ झुट्ठा पौने छी। 3 अहाँ सभ धैर्य रखने छी, हमरा नामक कारणेँ कष्‍ट सहने छी आ निराश नहि भेलहुँ। 4 मुदा हमरा अहाँक विरोध मे ई कहबाक अछि जे अहाँ अपन पहिलुका प्रेम छोड़ि देने छी। 5 एहि लेल मोन राखू जे कतेक ऊँच स्‍थान सँ अहाँ खसल छी। आब अहाँ अपना पापक लेल पश्‍चात्ताप कऽ कऽ हृदय-परिवर्तन करू आ पहिने जकाँ अपन आचरण राखू। जँ से नहि करब तँ हम आबि कऽ अहाँक लाबनि अपन स्‍थान पर सँ हटा देब। 6 तैयो एतेक अवश्‍य अछि जे हमरे जकाँ अहूँ निकोलायी पंथक लोक सभक काज सभ सँ घृणा करैत छी। 7 जकरा सभ केँ कान होइक, से सभ सुनि लओ जे प्रभुक आत्‍मा मण्‍डली सभ केँ की कहैत छथि। जे सभ विजय प्राप्‍त करत तकरा सभ केँ हम परमेश्‍वरक स्‍वर्ग-बगीचा मेहक जीवनक गाछक फल खयबाक अधिकार देबैक। 8 “स्‍मुरनाक मण्‍डलीक दूत केँ ई लिखह, जे पहिल आ अन्‍तिम छथि, जे मरि गेल छलाह आ आब जीबि उठल छथि से ई कहैत छथि— 9 हम अहाँक कष्‍ट आ गरीबी सँ परिचित छी। मुदा वास्‍तव मे अहाँ धनवान छी! और हम इहो जनैत छी जे, ओ सभ जे यहूदी भऽ कऽ अपना केँ परमेश्‍वरक लोक कहैत अछि, मुदा अछि नहि, से सभ अहाँक कतेक बदनामी करैत अछि। ओ सभ शैतानक समूह अछि। 10 आबऽ वला समय मे अहाँ जे कष्‍ट सहऽ वला छी, ताहि सँ नहि डेराउ। देखू, शैतान अहाँ सभ केँ जँचबाक लेल अहाँ सभ मे सँ कतेको गोटे केँ जहल मे राखि देत। एहि तरहेँ अहाँ सभ केँ दस दिन तक कष्‍ट भोगऽ पड़त। प्राणो देबऽ पड़य, ताहि समय तक विश्‍वास मे स्‍थिर रहू, तखन हम अहाँ सभ केँ जीवनक मुकुट प्रदान करब। 11 जकरा सभ केँ कान होइक, से सभ सुनि लओ जे प्रभुक आत्‍मा मण्‍डली सभ केँ की कहैत छथि। जे सभ विजय प्राप्‍त करत तकरा सभ केँ दोसर मृत्‍यु सँ कोनो हानि नहि होयतैक। 12 “पिरगमुनक मण्‍डलीक दूत केँ ई लिखह, जिनका लग तेज दूधारी तरुआरि छनि, से ई कहैत छथि— 13 हम ई जनैत छी जे अहाँ ओतऽ रहैत छी जतऽ शैतानक सिंहासन अछि। तैयो अहाँ सभ हमरा नाम पर स्‍थिर छी आ अहाँ सभ ओहू समय मे हमरा पर विश्‍वास कयनाइ नहि छोड़लहुँ जहिया अन्‍तिपास, हमर विश्‍वस्‍त गवाह अहाँ सभक शहर जे शैतानक निवास स्‍थान अछि, ततऽ मारल गेलाह। 14 मुदा हमरा अहाँक विरोध मे किछु बात सभ कहबाक अछि, किएक तँ अहाँ सभ मे किछु एहन लोक अछि जे बिलामक शिक्षा केँ मानैत अछि। बिलाम तँ प्राचीन समय मे राजा बालाक केँ सिखौलक जे इस्राएली सभ केँ फुसलाउ जाहि सँ ओ सभ मूर्ति सभ पर चढ़ाओल गेल वस्‍तु सभ खा कऽ आ एक-दोसराक संग अनैतिक शारीरिक सम्‍बन्‍ध राखि कऽ पाप मे फँसि जाय। 15 एहि तरहेँ अहूँ सभ मे किछु एहन लोक अछि जे सभ निकोलायी पंथक शिक्षा केँ मानैत अछि। 16 एहि लेल अपना पापक लेल पश्‍चात्ताप कऽ कऽ हृदय-परिवर्तन करू! नहि तँ हम जल्‍दी अहाँ सभक ओतऽ आयब आ अपन मुँहक तरुआरि सँ ओकरा सभ सँ युद्ध करबैक। 17 जकरा सभ केँ कान होइक से सभ सुनि लओ जे प्रभुक आत्‍मा मण्‍डली सभ केँ की कहैत छथि। जे सभ विजय प्राप्‍त करत तकरा सभ केँ हम ओहि विशेष रोटी मे सँ खुअयबैक जे एखन नुकाओल अछि। ओकरा सभ मे सँ प्रत्‍येक गोटे केँ हम एक उज्‍जर पाथर सेहो देबैक जाहि पर एक नव नाम लिखल रहतैक जकरा पाबऽ वला केँ छोड़ि आरो केओ नहि जानि पाओत। 18 “थूआतीराक मण्‍डलीक दूत केँ ई लिखह, परमेश्‍वरक पुत्र, जिनकर आँखि आगि सन धधकैत छनि आ जिनकर पयर सुन्‍दर पित्तरि जकाँ चमकैत छनि, से ई कहैत छथि— 19 हम अहाँक काज सभ, अहाँक प्रेम आ विश्‍वास, अहाँक सेवा आ धैर्य केँ जनैत छी। हम इहो जनैत छी, जे अहाँ शुरू मे जतेक करैत छलहुँ, ताहि सँ बेसी एखन करैत छी। 20 मुदा हमरा अहाँक विरोध मे ई कहबाक अछि जे, अहाँ ओहि स्‍त्री, इजेबेल केँ अपना बीच रहऽ देने छी। ओ अपना केँ परमेश्‍वर सँ विशेष सम्‍बाद पौनिहारि कहैत अछि आ अपन शिक्षा द्वारा हमर सेवक सभ केँ दोसराक संग अनैतिक शारीरिक सम्‍बन्‍ध रखबाक लेल और मुरुत पर चढ़ाओल गेल वस्‍तु सभ खयबाक लेल बहकबैत अछि। 21 हम ओकरा अवसर देलिऐक जे ओ अपना कुकर्मक लेल पश्‍चात्ताप कऽ कऽ हृदय-परिवर्तन करय आ कुकर्म केँ छोड़य, मुदा ओ नहि चाहैत अछि। 22 तेँ आब हम ओकरा दुःख-बिमारीक ओछायन पर पटकि देबैक आ जे सभ ओकरा संग कुकर्म करैत अछि, से सभ जँ हृदय-परिवर्तन कऽ ओकरा संग कुकर्म कयनाइ नहि छोड़त, तँ हम ओकरा सभ पर घोर विपत्ति आनि देबैक। 23 हम ओकर धिआ-पुता सभ केँ महामारी सँ मारि देबैक। एहि तरहेँ सभ मण्‍डली केँ बुझऽ मे आबि जयतैक जे हृदय आ मोन केँ थाह पाबऽ वला हमहीं छी, आ हम अहाँ सभ मे सँ प्रत्‍येक केँ ओकर काजक अनुसार प्रतिफल देबैक। 24 मुदा हम थूआतीराक बाँकी लोक सभ केँ, अर्थात् अहाँ सभ जे सभ एहि गलत शिक्षा केँ नहि मानैत छी आ ओहि बात सभ केँ नहि सिखने छी, जे शैतानक “रहस्‍यमय बात” सभ कहबैत अछि, अहाँ सभ सँ हमर कथन ई अछि—हम अहाँ सभ पर आरो कोनो भार नहि राखब— 25 मात्र ई जे, जे बात अहाँ सभ लग अछि, ताहि मे हमरा अयबा धरि दृढ़ रहू। 26 जे सभ विजय प्राप्‍त करत और अन्‍त धरि हमर इच्‍छा पूरा करैत रहत, तकरा सभ केँ हम तहिना जाति-जातिक लोक सभ पर अधिकार देबैक, 27 जहिना हमरो अपना पिता सँ अधिकार प्राप्‍त भेल अछि। “ओ ओकरा सभ पर लोहाक राजदण्‍ड सँ शासन करताह आ ओकरा सभ केँ कुम्‍हारक बर्तन जकाँ चकना-चूर कऽ देताह।” 28 हम ओकरा सभ केँ भोरक तारा सेहो प्रदान करबैक। 29 जकरा सभ केँ कान होइक से सभ सुनि लओ जे प्रभुक आत्‍मा मण्‍डली सभ केँ की कहैत छथि।

Revelation 3

1 “सरदीसक मण्‍डलीक दूत केँ ई लिखह, जिनका लग परमेश्‍वरक सात आत्‍मा छनि आ जे सातो तारा हाथ मे धयने छथि से ई कहैत छथि— हम अहाँक काज सभ सँ परिचित छी। अहाँ नाम मात्र केँ जीवित छी, मुदा छी वास्‍तव मे मरल। 2 जागू, आ जे किछु अहाँ लग बाँचल अछि, तकरा मजगूत बनाउ, कारण ओहो मरऽ पर अछि। हम अपन परमेश्‍वरक दृष्‍टि मे अहाँक काज सभ केँ अपूर्ण पौलहुँ। 3 स्‍मरण करू जे अहाँ कोन उपदेश सुनने छलहुँ आ स्‍वीकार कयने छलहुँ। ओकर पालन करू आ अपना पापक लेल पश्‍चात्ताप कऽ कऽ हृदय-परिवर्तन करू। जँ अहाँ नहि जागब, तँ हम चोर जकाँ आबि जायब—अहाँ केँ बुझहो मे नहि आओत जे हम कखन अहाँ लग पहुँचि रहल छी। 4 तैयो सरदीस मे अहाँ सभक बीच किछु एहन व्‍यक्‍ति सेहो अछि, जे सभ अपन वस्‍त्र गन्‍दा नहि कयने अछि। ओ सभ उज्‍जर वस्‍त्र पहिरने हमरा संग टहलत, किएक तँ ओ सभ ताहि बातक योग्‍य अछि। 5 जे सभ विजय प्राप्‍त करत, तकरा सभ केँ एहिना उज्‍जर वस्‍त्र पहिराओल जयतैक। ओकरा सभक नाम हम जीवनक पुस्‍तक मे सँ किन्‍नहुँ नहि मेटयबैक, आ अपन पिता और हुनकर स्‍वर्गदूत सभक सम्‍मुख ओकरा सभक नाम लऽ कऽ स्‍वीकार करब जे ई हमर लोक अछि। 6 जकरा सभ केँ कान होइक से सभ सुनि लओ जे प्रभुक आत्‍मा मण्‍डली सभ केँ की कहैत छथि। 7 “फिलादेलफियाक मण्‍डलीक दूत केँ ई लिखह, जे पवित्र आ सत्‍य छथि, जिनका लग दाऊदक कुंजी छनि—ओ खोलैत छथि तँ केओ बन्‍द नहि कऽ सकैत अछि, ओ बन्‍द करैत छथि तँ केओ खोलि नहि सकैत अछि—से ई कहैत छथि— 8 हम अहाँक काज सभ सँ परिचित छी। देखू, हम अहाँक सामने एक द्वारि खोलि कऽ रखने छी जकरा केओ बन्‍द नहि कऽ सकैत अछि। हम जनैत छी जे अहाँ केँ बेसी बल नहि अछि, तैयो अहाँ हमर शिक्षाक पालन कयने छी आ एहि बात केँ अस्‍वीकार नहि कयने छी जे अहाँ हमर लोक छी। 9 सुनू, हम शैतानक समूहक ओहि सदस्‍य सभ केँ, जे सभ यहूदी भऽ कऽ अपना केँ परमेश्‍वरक लोक कहैत अछि मुदा अछि नहि, जे सभ झूठ बजैत अछि, तकरा सभ केँ एहि बातक लेल बाध्‍य करबैक जे ओ सभ आबि कऽ अहाँक चरण मे खसय आ ई जानि लय जे हम अहाँ सँ प्रेम करैत छी। 10 हम जे अहाँ केँ सहनशीलताक संग स्‍थिर रहबाक आदेश देलहुँ, तकर अहाँ पालन कयलहुँ, तेँ हमहूँ अहाँ केँ ओहि विपत्तिक घड़ी मे सुरक्षित राखब जे पृथ्‍वीक निवासी सभक परीक्षा लेबाक लेल सम्‍पूर्ण संसार पर आबऽ वला अछि। 11 हम जल्‍दिए आबऽ वला छी। जे बात अहाँ लग अछि, ताहि पर दृढ़ बनल रहू, जाहि सँ अहाँक मुकुट सँ केओ अहाँ केँ वंचित नहि कऽ दय। 12 जे सभ विजय प्राप्‍त करत तकरा सभ केँ हम अपन परमेश्‍वरक मन्‍दिर मे एक खाम्‍ह बनयबैक, और ओ सभ ओतऽ सँ फेर कहियो बाहर नहि जायत। हम अपन परमेश्‍वरक नाम और अपन परमेश्‍वरक नगरक नाम ओकरा सभ पर लिखबैक, अर्थात् ओहि नव यरूशलेमक नाम जे हमर परमेश्‍वरक ओतऽ सँ स्‍वर्ग सँ उतरऽ वला अछि। और हम अपन नव नाम सेहो ओकरा सभ पर लिखबैक। 13 जकरा सभ केँ कान होइक से सभ सुनि लओ जे प्रभुक आत्‍मा मण्‍डली सभ केँ की कहैत छथि। 14 “लौदीकियाक मण्‍डलीक दूत केँ ई लिखह, ओ जे सत्‍य छथि, जे विश्‍वासयोग्‍य आ सत्‍य गवाह छथि आ परमेश्‍वरक सृष्‍टिक मूलस्रोत छथि से ई कहैत छथि— 15 हम अहाँक काज सभ सँ परिचित छी। हम जनैत छी जे अहाँ ने तँ ठण्‍ढा छी आ ने गरम। नीक रहैत जे अहाँ चाहे ठण्‍ढा रहितहुँ वा गरम! 16 तेँ हम अपना मुँह सँ अहाँ केँ उगिलि देब, किएक तँ अहाँ ने ठण्‍ढा छी ने गरम, बल्‍कि सुसुम छी। 17 अहाँ कहैत छी जे, “हम धनवान छी, हम सुखी-सम्‍पन्‍न भऽ गेलहुँ, हमरा कोनो बातक अभाव नहि अछि।” मुदा अहाँ नहि जनैत छी जे अहाँक दशा कतेक खराब अछि। अहाँ अभागल, गरीब, आन्‍हर आ नाङट छी। 18 हम अहाँ केँ जे सल्‍लाह दैत छी, से सुनू। हमरा सँ आगि मे शुद्ध कयल सोना किनि कऽ धनिक भऽ जाउ, हमरा सँ उज्‍जर वस्‍त्र मोल लऽ कऽ पहिरि लिअ आ अपन नाङटपनक लज्‍जा केँ झाँपि लिअ, हमरा सँ मलहम किनि कऽ अपना आँखि पर लगाउ जाहि सँ अहाँ देखि सकब। 19 हम जकरा सभ सँ प्रेम करैत छी, तकरा सभ केँ डँटैत छिऐक आ सजाय दऽ कऽ सुधारैत छिऐक। एहि लेल तन-मन-धन सँ हमर बात मानू आ अपना पापक लेल पश्‍चात्ताप कऽ कऽ हृदय-परिवर्तन करू। 20 देखू, हम द्वारि पर ठाढ़ भऽ कऽ केबाड़ ढकढकबैत आवाज दऽ रहल छी। जँ केओ हमर आवाज सुनि केबाड़ खोलत, तँ हम ओकरा लग भीतर आबि कऽ ओकरा संग भोजन करबैक आ ओ हमरा संग। 21 जहिना हम विजयी भऽ कऽ अपन पिताक संग हुनका सिंहासन पर बैसि रहलहुँ, तहिना जे सभ विजय प्राप्‍त करत, तकरा सभ केँ हम अपना संग सिंहासन पर बैसबाक अधिकार देबैक। 22 जकरा सभ केँ कान होइक, से सभ सुनि लओ जे प्रभुक आत्‍मा मण्‍डली सभ केँ की कहैत छथि।”

Revelation 4

1 तकरबाद हम आँखि ऊपर उठौलहुँ तँ हमरा सोझाँ मे स्‍वर्ग मे एक द्वारि देखाइ पड़ल जे खुजल छल। जिनका हम पहिने धुतहू सन आवाज मे अपना सँ बात करैत सुनने छलहुँ, से कहि रहल छलाह जे, “एतऽ ऊपर आउ, हम अहाँ केँ ओ घटना सभ देखायब जे एकरा बाद होमऽ वला अछि।” 2 ओही क्षण हमरा प्रभुक आत्‍मा अपना नियन्‍त्रण मे लेलनि। हम देखलहुँ जे स्‍वर्ग मे एक सिंहासन राखल अछि आ सिंहासन पर केओ विराजमान छथि। 3 ओ सूर्यकान्‍त आ गोमेद वला बहुमूल्‍य पाथर जकाँ सुन्‍दर देखाइ दऽ रहल छलाह। सिंहासनक चारू कात मरकत पाथर जकाँ पनिसोखा देखाइ पड़ि रहल छल। 4 सिंहासनक चारू कात चौबीस सिंहासन छल आ ओहि पर चौबीस धर्मवृद्ध विराजमान छलाह। ओ सभ उज्‍जर वस्‍त्र पहिरने छलाह आ हुनका सभक सिर पर सोनाक मुकुट छलनि। 5 मुख्‍य सिंहासन सँ बिजुली चमकैत छल और मेघक गोंगिअयबाक आ तड़कबाक आवाज निकलैत छल। सिंहासनक सामने मे सातटा मशाल जरि रहल छल; ई सभ परमेश्‍वरक सात आत्‍मा अछि। 6 सिंहासनक आगाँ मे सीसाक समुद्र जकाँ बुझाइत छल, जे आर-पार देखाय वला संगमरमर जकाँ साफ छल। बीच मे सिंहासनक चारू कात चारिटा जीवित प्राणी छल जकरा आगाँ-पाछाँ सभतरि आँखिए-आँखि छलैक। 7 पहिल प्राणी शेर सन छल, दोसर बड़द सन, तेसराक मुँह मनुष्‍यक मुँह जकाँ आ चारिम उड़ैत गरुड़ सन छल। 8 एहि चारू प्राणी मे प्रत्‍येक केँ छओ-छओटा पाँखि छल। ओकरा सभक सम्‍पूर्ण शरीर मे आ पाँखिक तर मे सेहो आँखिए-आँखि छल। ओ सभ दिन-राति बिनु अटकि कऽ ई कहैत रहैत अछि, “सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर, 2 पवित्र, पवित्र, पवित्र छथि। ओ वैह छथि, जे छलाह, जे छथि आ जे आबहो वला समय मे रहताह।” 9 जखन-जखन ओ प्राणी सभ सिंहासन पर विराजमान, युगानुयुग धरि जीवित रहनिहारक स्‍तुति, आदर आ धन्‍यवाद करैत छनि, 10 तखन-तखन चौबीसो धर्मवृद्ध सभ सिंहासन पर विराजमान आ युगानुयुग तक जीवित रहनिहार परमेश्‍वरक सामने दण्‍डवत करैत छथिन, हुनकर वन्‍दना करैत छथिन और सिंहासनक सम्‍मुख अपन मुकुट राखि कऽ ई कहैत छथि जे, 11 “हे हमरा सभक प्रभु, हमरा सभक परमेश्‍वर, अहाँ महिमा, सम्‍मान आ सामर्थ्‍य पयबाक योग्‍य छी, किएक तँ अहीं सभ वस्‍तुक सृष्‍टिकर्ता छी, 2 अहींक इच्‍छा सँ एकरा सभक सृष्‍टि भेलैक, 2 अहींक इच्‍छा सँ ई सभ अस्‍तित्‍व मे अछि।”

Revelation 5

1 तकरबाद हम देखलहुँ जे, सिंहासन पर जे विराजमान छथि, तिनका दहिना हाथ मे एकटा पुस्‍तक छनि जाहि मे भीतर-बाहर, दूनू दिस लिखल गेल अछि और जकरा सातटा मोहर मारि कऽ बन्‍द कऽ देल गेल अछि। 2 तखन हम एक शक्‍तिशाली स्‍वर्गदूत केँ देखलहुँ जे ऊँ‍च स्‍वर मे आवाज दऽ कऽ पुछि रहल छथि जे, “मोहरक छाप सभ केँ तोड़ि कऽ पुस्‍तक केँ खोलबाक योग्‍य के अछि?” 3 मुदा स्‍वर्ग मे, पृथ्‍वी पर आ पृथ्‍वीक नीचाँ पाताल मे केओ एहन व्‍यक्‍ति नहि भेटल जकरा ओहि पुस्‍तक केँ खोलबाक वा ओहि मे देखबाक अधिकार होइक। 4 हम बड्ड कानऽ लगलहुँ, किएक तँ एहन योग्‍य व्‍यक्‍ति केओ नहि भेटल जे ओहि पुस्‍तक केँ खोलि सकय वा ओहि मे देखि सकय। 5 तखन ओहि चौबीस धर्मवृद्ध मे सँ एक गोटे हमरा कहलनि, “नहि कानू! देखू! ओ जे यहूदाक कुलक शेर छथि, जे दाऊदक वंश मे श्रेष्‍ठ छथि से विजयी भेल छथि। ओ एहि पुस्‍तक केँ आ एकर सातो छाप केँ खोलि सकैत छथि।” 6 तखन हम सिंहासनक बीच मे ठाढ़, चारू जीवित प्राणी आ धर्मवृद्ध सभक बीच, एक बलि-भेँड़ा केँ देखलहुँ। ओ देखऽ मे एना लगलाह, जेना कहियो वध कयल गेल होथि। हुनका सातटा सीँग आ सातटा आँखि छलनि। ई सभ परमेश्‍वरक सात आत्‍मा अछि जकरा परमेश्‍वर सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी पर पठौने छथिन। 7 तकरबाद बलि-भेँड़ा आबि कऽ सिंहासन पर जे विराजमान छलाह, तिनका दहिना हाथ सँ पुस्‍तक लऽ लेलनि। 8 जखन ओ पुस्‍तक लऽ लेलनि, तँ चारू जीवित प्राणी आ चौबीसो धर्मवृद्ध हुनकर सम्‍मुख मुँहक भरे खसि पड़लाह। प्रत्‍येक गोटेक हाथ मे एकटा वीणा, आ धूप सँ भरल सोनाक कटोरा छलनि। ई धूप परमेश्‍वरक लोक सभक प्रार्थना सभ अछि। 9 ओ सभ एक नव गीत गाबि रहल छलाह— “अहाँ एहि पुस्‍तक केँ लेबाक आ एकर छाप सभ केँ खोलबाक योग्‍य छी, किएक तँ अहाँ वध भऽ कऽ अपन खून सँ प्रत्‍येक कुल, भाषा, राष्‍ट्र आ जाति मे सँ परमेश्‍वरक लेल लोक सभ केँ मोल लेने छी। 10 हमरा सभक परमेश्‍वरक सेवा करबाक लेल ओकरा सभ केँ एक राज्‍य बना देने छी, पुरोहित बना देने छी। ओ सभ पृथ्‍वी पर राज्‍य करत।” 11 फेर हम देखलहुँ, तँ बहुतो स्‍वर्गदूत सभक आवाज सुनाइ देलक जे सभ सिंहासन, चारू प्राणी आ धर्मवृद्ध सभक चारू कात ठाढ़ छलाह, जिनकर संख्‍या लाखो-लाख आ करोड़ो-करोड़ मे छलनि। 12 ओ सभ जोर सँ बाजि रहल छलाह जे, “वध कयल गेल बलि-भेँड़ा सामर्थ्‍य, धन, बुद्धि, शक्‍ति, आदर, महिमा आ स्‍तुति पयबाक योग्‍य छथि!” 13 तखन हम सृष्‍टिक प्रत्‍येक प्राणी केँ, जे स्‍वर्ग मे अछि, पृथ्‍वी पर अछि, पृथ्‍वीक नीचाँ पाताल मे अछि आ समुद्र मे अछि, अर्थात् सभ ठामक सभ जीव केँ ई कहैत सुनलहुँ जे, “जे सिंहासन पर विराजमान छथि तिनका, आ बलि-भेँड़ा केँ, स्‍तुति, आदर, महिमा आ सामर्थ्‍य युगानुयुग होइत रहनि!” 14 और ओ चारू जीवित प्राणी बाजल, “आमीन!” आ चौबीसो धर्मवृद्ध मुँहक भरे खसि कऽ दण्‍डवत कयलथिन।

Revelation 6

1 हम देखलहुँ जे बलि-भेँड़ा ओहि सातटा छाप मे सँ एकटा केँ खोललनि। तखन ओहि चारू जीवित प्राणी मे सँ एकटा केँ एहन आवाज मे, जे मेघक गर्जन जकाँ लगैत छल, ई कहैत सुनलहुँ जे, “आउ!” 2 तखन हमरा एकटा उज्‍जर घोड़ा देखाइ देलक। ओहि पर जे सवार छल, से धनुष लेने छल। ओकरा एक विजय-मुकुट देल गेलैक आ ओ विजयी भऽ कऽ आरो विजय प्राप्‍त करबाक लेल निकलि गेल। 3 जखन बलि-भेँड़ा दोसर छाप केँ खोललनि तँ दोसर जीवित प्राणी केँ हम ई कहैत सुनलहुँ जे “आउ!” 4 आब लाल रंगक एकटा घोड़ा बहरायल। ओकर सवार केँ ई अधिकार देल गेलैक जे ओ पृथ्‍वी पर सँ शान्‍ति उठा लय, जाहि सँ लोक एक-दोसर केँ खून करऽ लागय। ओकरा एकटा बड़का तरुआरि देल गेलैक। 5 जखन बलि-भेँड़ा तेसर छाप खोललनि, तँ हम तेसर जीवित प्राणी केँ ई कहैत सुनलहुँ जे, “आउ!” आब हमरा एकटा कारी घोड़ा देखाइ देलक। ओहि पर जे सवार छल, तकरा हाथ मे तराजू छलैक। 6 तखन हमरा एकटा आवाज सुनाइ देलक जे ओहि चारू जीवित प्राणीक बीच सँ अबैत बुझायल, जे ई कहि रहल छल, “दिन भरिक मजदूरी एक सेर गहुम! दिन भरिक मजदूरी तीन सेर जौ! मुदा जैतूनक तेल आ अंगूरक मदिरा केँ नोकसान नहि करिहह।” 7 जखन ओ चारिम छाप खोललनि तँ हम चारिम जीवित प्राणी केँ ई कहैत सुनलहुँ जे, “आउ!” 8 और हमरा आँखिक सामने एकटा पिअर सन हलका रंगक घोड़ा देखाइ देलक। ओकर सवारक नाम मृत्‍यु छलैक आ ओकरा पाछाँ-पाछाँ पाताल छलैक। ओकरा सभ केँ पृथ्‍वीक जनसंख्‍याक एक चौथाइ भाग पर अधिकार देल गेलैक जे, तरुआरि, अकाल, महामारी आ पृथ्‍वीक जंगली जानबर सभ द्वारा मारय। 9 जखन बलि-भेँड़ा पाँचम छाप खोललनि तखन हम वेदीक नीचाँ मे ओहि लोक सभक आत्‍मा सभ केँ देखलहुँ, जे सभ परमेश्‍वरक वचन पर अटल रहबाक कारणेँ आ तकर गवाही देबाक कारणेँ मारल गेल छलाह। 10 ओ सभ जोर सँ आवाज देलनि जे, “हे स्‍वामी, अहाँ जे पवित्र आ सत्‍य छी, अहाँ कहिया तक पृथ्‍वीक निवासी सभक न्‍याय कऽ कऽ हमरा सभक खूनक बदला नहि लेब?” 11 हुनका सभ मे प्रत्‍येक केँ उज्‍जर वस्‍त्र देल गेलनि आ कहल गेलनि जे, “किछु समय तक आओर विश्राम करह, जाबत धरि तोरा सभक ओहि संगी-सेवक आ भाय सभक संख्‍या नहि पुरि जाइत छह, जे सभ तोरे सभ जकाँ मारल जायत।” 12 जखन बलि-भेँड़ा छठम छाप खोललनि, तँ हम देखलहुँ जे बड़का भूकम्‍‍प भेल। सूर्य रोंइयाँ सँ बनल कम्‍बल जकाँ कारी, आ चन्‍द्रमा खून जकाँ लाल भऽ गेल। 13 आकाशक तारा सभ पृथ्‍वी पर एना खसल जेना अन्‍हड़-बिहारि मे अंजीरक काँच फल सभ खसि पड़ैत अछि। 14 आकाश एना विलीन भऽ गेल, जेना ओ कोनो कपड़ा होअय जकरा केओ लपेटि कऽ हटा देने होइक। प्रत्‍येक पहाड़ आ द्वीप अपना-अपना स्‍थान सँ हटि गेल। 15 तखन पृथ्‍वीक राजा, शासक, सेनापति, धनवान आ सामर्थी लोक, और प्रत्‍येक दास आ स्‍वतन्‍त्र व्‍यक्‍ति—सभ केँ सभ पहाड़ सभक गुफा सभ मे आ चट्टान सभ मे जा कऽ नुका रहल। 16 और ओ सभ पहाड़ सभ आ चट्टान सभ सँ कहऽ लागल जे, “हमरा सभ पर खसि पड़, आ हमरा सभ केँ हुनका नजरि सँ, जे सिंहासन पर विराजमान छथि, आ बलि-भेँड़ाक क्रोध सँ नुका दे! 17 किएक तँ हुनका लोकनिक क्रोधक भयानक दिन आबि गेल अछि, आ के अछि जे तकर सामना कऽ सकत?”

Revelation 7

1 तकरबाद हम देखलहुँ जे चारिटा स्‍वर्गदूत पृथ्‍वीक चारू कोना पर ठाढ़ छथि आ पृथ्‍वीक चारू बसात केँ रोकि कऽ रखने छथि, जाहि सँ धरती पर, समुद्र पर आ गाछ-वृक्ष सभ पर बसात नहि बहय। 2 फेर हम एकटा आरो स्‍वर्गदूत केँ जीवित परमेश्‍वरक मोहर लऽ कऽ पूब दिस सँ ऊपर अबैत देखलहुँ। ओ ओहि चारू स्‍वर्गदूत केँ, जिनका सभ केँ धरती आ समुद्र केँ हानि पहुँचयबाक अधिकार देल गेल छलनि, जोर सँ आवाज दऽ कऽ कहलथिन, 3 “जा धरि हम सभ अपन परमेश्‍वरक सेवक सभक कपार पर मोहरक छाप नहि लगा दैत छी, ता धरि धरती, समुद्र आ गाछ-वृक्ष सभ केँ कोनो हानि नहि पहुँचाउ।” 4 तखन हम ओहि लोक सभक संख्‍या सुनलहुँ, जकरा सभ पर मोहरक छाप लगाओल गेलैक। ओ संख्‍या छल एक लाख चौआलिस हजार। ओ सभ इस्राएलक प्रत्‍येक कुल मे सँ छल। 5 यहूदा-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर, रूबेन-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर, गाद-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर, 6 आशेर-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर, नप्‍ताली-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर, मनश्‍शे-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर, 7 सिमियोन-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर, लेवी-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर, इस्‍साकार-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर, 8 जबूलून-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर, यूसुफ-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर आ बिन्‍यामीन-कुल मे सँ बारह हजार लोक सभ पर मोहरक छाप लगाओल गेल। 9 तकरबाद हम आँखि ऊपर उठौलहुँ, तँ हमरा सामने मे एक विशाल भीड़ देखाइ पड़ल, जकर गिनती केओ नहि कऽ सकैत छल। ओहि भीड़ मे प्रत्‍येक जाति, प्रत्‍येक कुल, प्रत्‍येक राष्‍ट्र आ प्रत्‍येक भाषाक लोक छल। ओ सभ उज्‍जर वस्‍त्र पहिरने छल आ हाथ मे खजूरक छज्‍जा लेने सिंहासन आ बलि-भेँड़ाक सम्‍मुख ठाढ़ छल। 10 ओ सभ जोर-जोर सँ कहि रहल छल जे, “सिंहासन पर विराजमान हमरा सभक परमेश्‍वर द्वारा आ बलि-भेँड़ा द्वारा मात्र उद्धार अछि।” 11 सभ स्‍वर्गदूत सिंहासनक, धर्मवृद्ध सभक आ ओहि चारू जीवित प्राणीक चारू कात ठाढ़ छलाह। ओ सभ सिंहासनक सम्‍मुख मुँह भरे खसि कऽ ई कहैत परमेश्‍वरक वन्‍दना कयलनि जे, 12 “ई बात सत्‍य अछि ! हमरा सभक परमेश्‍वरक स्‍तुति, महिमा, बुद्धि, धन्‍यवाद, आदर, शक्‍ति आ सामर्थ्‍य युगानुयुग होनि। आमीन!” 13 तकरबाद धर्मवृद्ध सभ मे सँ एक गोटे हमरा पुछलनि जे, “ई सभ जे उज्‍जर वस्‍त्र पहिरने अछि, से के अछि, आ कतऽ सँ आयल अछि?” 14 हम उत्तर देलियनि, “यौ सरकार, ई बात तँ अहीं जनैत छी।” तखन ओ हमरा कहलनि जे, “ई लोक सभ वैह अछि जे महाकष्‍ट सहि कऽ आयल अछि। ई सभ अपन वस्‍त्र बलि-भेँड़ाक खून मे धो कऽ उज्‍जर कऽ लेने अछि। 15 एहि लेल ई सभ परमेश्‍वरक सिंहासनक सम्‍मुख ठाढ़ रहैत अछि आ दिन-राति हुनका मन्‍दिर मे हुनकर सेवा करैत रहैत छनि। ओ, जे सिंहासन पर विराजमान छथि, एकरा सभक संग निवास करथिन आ सुरक्षित रखथिन। 16 एकरा सभ केँ ने तँ कहियो फेर भूख लगतैक आ ने पियास। एकरा सभ केँ ने तँ प्रचण्‍ड रौद सँ कष्‍ट होयतैक आ ने लू लगतैक। 17 किएक तँ बलि-भेँड़ा जे सिंहासनक बीच विद्यमान छथि, से एकरा सभक चरबाह रहथिन आ एकरा सभ केँ जीवनक जलक झरना लग लऽ जयथिन। और परमेश्‍वर एकरा सभक आँखिक सभ नोर पोछि देथिन।”

Revelation 8

1 जखन बलि-भेँड़ा सातम छाप खोललनि, तँ करीब आधा घण्‍टा धरि स्‍वर्ग मे कोनो आवाज नहि सुनाइ पड़ल; सभ शान्‍त रहल। 2 तकरबाद हम ओहि सातटा स्‍वर्गदूत केँ देखलियनि, जे सभ परमेश्‍वरक सम्‍मुख ठाढ़ रहैत छथि। हुनका सभ केँ सातटा धुतहू देल गेलनि। 3 तखन एकटा आरो स्‍वर्गदूत सोनाक धूपदानी लऽ कऽ अयलाह आ वेदी लग मे ठाढ़ भऽ गेलाह। हुनका बहुत रास धूप देल गेलनि, जाहि सँ ओ ओकरा सिंहासनक समक्ष स्‍थित सोनाक वेदी पर परमेश्‍वरक सभ लोकक प्रार्थनाक संग चढ़बथि। 4 स्‍वर्गदूतक हाथ सँ धूपक धुआँ परमेश्‍वरक लोकक प्रार्थना सभक संग परमेश्‍वरक सम्‍मुख ऊपर पहुँचलनि। 5 तकरबाद स्‍वर्गदूत धूपदानी लेलनि आ वेदी परक आगि सँ भरि कऽ ओकरा पृथ्‍वी पर फेकि देलथिन। एहि पर मेघ तड़कऽ आ गोंगिआय लागल, बिजुली चमकऽ लागल आ भूकम्‍‍प भेल। 6 आब ओ सातो स्‍वर्गदूत, जिनका सभ लग सातटा धुतहू छलनि, ओकरा फुकबाक लेल तैयार भऽ गेलाह। 7 पहिल स्‍वर्गदूत धुतहू फुकलनि। एहि पर खूनक संग पाथर आ आगि पृथ्‍वी पर बरसाओल गेल। एहि सँ पृथ्‍वीक एक तिहाइ भाग आ गाछ-वृक्ष सभक एक तिहाइ भाग भस्‍म भऽ गेल, और सभ हरियर घास-पात भस्‍म भऽ गेल। 8 दोसर स्‍वर्गदूत धुतहू फुकलनि, तँ आगि सँ जरैत एक विशाल पहाड़ सन वस्‍तु समुद्र मे फेकल गेल। एहि सँ समुद्रक एक तिहाइ भाग खून बनि गेल। 9 समुद्र मेहक एक तिहाइ प्राणी मरि गेल आ एक तिहाइ पानिजहाज सभ नष्‍ट भऽ गेल। 10 तेसर स्‍वर्गदूत धुतहू फुकलनि, तँ एक विशाल तारा, मशाल जकाँ जरैत, आकाश सँ टुटल आ नदी सभक और जलस्रोत सभक एक तिहाइ भाग पर खसि पड़ल। 11 ओहि ताराक नाम “चिरैंता”, अर्थात् तिताह, अछि। ओहि सँ जलक एक तिहाइ भाग तीत भऽ गेल आ जल केँ तीत भऽ जयबाक कारणेँ बहुतो लोक मरि गेल। 12 चारिम स्‍वर्गदूत धुतहू फुकलनि, तँ सूर्यक एक तिहाइ भाग, चन्‍द्रमाक एक तिहाइ भाग आ तारा सभक एक तिहाइ भाग पर प्रहार भेल, जाहि सँ ओकरा सभक एक तिहाइ भाग अन्‍हार भऽ गेलैक। दिनक एक तिहाइ भाग मे इजोत नहि रहल आ तहिना रातिक एक तिहाइ भागक सेहो वैह अवस्‍था भऽ गेलैक। 13 हम फेर नजरि उठौलहुँ तँ बीच आकाश मे एकटा गरुड़ केँ उड़ैत देखलहुँ, जे जोर सँ ई घोषणा कऽ रहल छल, “कष्‍ट! कष्‍ट! कष्‍ट! पृथ्‍वीक निवासी सभ पर धुतहूक बाँकी आवाजक कारणेँ, जकरा तीनटा स्‍वर्गदूत फुकऽ वला छथि कतेक भयानक विपत्ति औतैक! हाय! हाय! हाय!”

Revelation 9

1 जखन पाँचम स्‍वर्गदूत धुतहू फुकलनि, तँ हम एकटा तारा देखलहुँ जे आकाश सँ पृथ्‍वी पर खसल छल। ओहि तारा केँ अथाह कुण्‍डक कुंजी देल गेलैक। 2 ओ अथाह कुण्‍ड केँ खोललक। एहि पर ओहि कुण्‍डक धुआँ, जे बड़का भट्ठाक धुआँ सन छल, बहरायल। ओहि धुआँ सँ सूर्य छेका गेल आ आकाश अन्‍हार भऽ गेल। 3 ओहि धुआँ मे सँ पृथ्‍वी पर फनिगा सभ बाहर आयल। ओकरा सभ केँ एहन शक्‍ति देल गेलैक, जेहन पृथ्‍वी परक बिच्‍छु सभक होइत छैक। 4 ओकरा सभ केँ ई आदेश देल गेलैक जे ओ सभ घास अथवा कोनो गाछ-वृक्ष केँ हानि नहि पहुँचाबय, बल्‍कि मात्र ओहि मनुष्‍य सभ केँ, जकरा कपार पर परमेश्‍वरक मोहरक छाप नहि लागल होइक। 5 फनिगा सभ केँ ओहि मनुष्‍य सभक वध करबाक नहि, बल्‍कि ओकरा सभ केँ पाँच महिना तक भयंकर कष्‍ट देबाक अनुमति देल गेलैक। ई एहन कष्‍ट छल जेहन बिच्‍छुक डंक मारला सँ मनुष्‍य केँ होइत छैक। 6 ओहि समय मे लोक सभ मृत्‍युक खोज करत, मुदा ओकरा सभ केँ मृत्‍यु नहि भेटतैक। ओ सभ मरबाक अभिलाषा करत, मुदा मृत्‍यु ओकरा सभ लग सँ दूर भागि जयतैक। 7 एहि फनिगा सभक रूप युद्ध करबाक लेल तैयार कयल घोड़ा सन छलैक। ओकरा सभक मूड़ी पर सोनाक मुकुट सन कोनो वस्‍तु छलैक। ओकरा सभक मुँह मनुष्‍यक मुँह जकाँ छलैक। 8 ओकरा सभक केश स्‍त्रीगणक केश सन, आ ओकरा सभक दाँत सिंहक दाँत सन छलैक। 9 ओकरा सभ केँ एहन कवच छलैक जे लोहाक कवच सन छल। ओकरा सभक पाँखिक आवाज एहन छलैक, जेना युद्ध मे जाइत बहुतो रथ आ घोड़ा सभक दौड़ला पर होइत अछि। 10 ओकरा सभक नांगड़ि बिच्‍छुक पुछड़ी जकाँ छलैक जाहि द्वारा ओ सभ डंक मारि सकैत छल। ओकरा सभक नांगड़ि मे पाँच मास तक मनुष्‍य सभ केँ पीड़ा देबाक शक्‍ति छलैक। 11 ओकरा सभक जे राजा छलैक, से ओ दूत अछि जे अथाह कुण्‍डक अधिकारी अछि। इब्रानी भाषा मे ओकर नाम “अबद्दोन” छैक आ यूनानी मे “अपुल्‍लयोन”, ⌞अर्थात्, विनाश करऽ वला⌟। 12 पहिल विपत्ति समाप्‍त भेल। दूटा विपत्ति आरो आबऽ वला अछि। 13 जखन छठम स्‍वर्गदूत धुतहू फुकलनि, तखन हम सोनाक वेदी जे परमेश्‍वरक सम्‍मुख अछि, तकर चारू सीँग मे सँ एकटा स्‍वर सुनलहुँ। 14 ओ स्‍वर छठम स्‍वर्गदूत केँ, जिनका लग धुतहू छलनि, कहलकनि जे, “महा-नदी फरात लग जे चारू दूत बान्‍हल अछि, तकरा सभ केँ खोलि दिऔक।” 15 ओहि चारू दूतक बन्‍हन खोलि देल गेलैक। ओ सभ मनुष्‍य जातिक एक तिहाइ भाग केँ मारि देबाक लेल एही वर्ष, मास, दिन आ घड़ीक लेल तैयार कऽ कऽ राखल गेल छल। 16 हम ओकरा सभक घोड़सवार सैनिक सभक संख्‍या सुनलहुँ—ओ बीस करोड़ छल। 17 ओहि दर्शन मे ओ घोड़ा सभ आ ओहि परक सवार सैनिक सभ हमरा एहि तरहेँ देखाइ देलक—ओ सभ आगि सन लाल रंगक, नील रंगक आ गन्‍धक सन पिअर रंगक कवच पहिरने छल। घोड़ा सभक मूड़ी शेरक मूड़ी जकाँ छलैक आ ओकरा सभक मुँह सँ आगि, धुआँ आ गन्‍धक बहरा रहल छल। 18 एहि तीन विपत्ति द्वारा, अर्थात् ओहि आगि, धुआँ आ गन्‍धक द्वारा, जे घोड़ा सभक मुँह सँ बहरा रहल छल, मनुष्‍य जातिक एक तिहाइ भाग केँ मारि देल गेलैक। 19 ओहि घोड़ा सभक सामर्थ्‍य ओकरा सभक मुँह आ नांगड़ि दूनू मे छलैक, किएक तँ ओकरा सभक नांगड़ि साँप जकाँ छलैक, जाहि मे मूड़ी लागल छल। एही सभक द्वारा ओ सभ मनुष्‍य केँ हानि पहुँचा रहल छल। 20 तैयो बाँकी बाँचल लोक, जे सभ एहि विपत्ति सभ सँ मारल नहि गेल छल, से सभ अपना हाथक रचल वस्‍तु सँ एखनो मोन नहि हटौलक। ओ सभ दुष्‍टात्‍मा सभक, आ नहि देखऽ वला, नहि सुनऽ वला, नहि चलऽ वला, सोना, चानी, पित्तरि, पाथर आ काठक मूर्ति सभक पूजा कयनाइ नहि छोड़लक। 21 ओ सभ हृदय-परिवर्तन नहि कयलक, बल्‍कि हत्‍या, जादू-टोना, अनैतिक शारीरिक सम्‍बन्‍ध आ चोरी वला अपन काज सभ करिते रहल।

Revelation 10

1 तकरबाद हम एक दोसर शक्‍तिशाली स्‍वर्गदूत केँ स्‍वर्ग सँ उतरैत देखलियनि। ओ मेघ ओढ़ने छलाह आ हुनका सिर पर पनिसोखा शोभायमान छलनि। हुनकर मुँह सूर्य जकाँ चमकैत छलनि आ हुनकर पयर आगिक खाम्‍ह जकाँ छलनि। 2 हुनका हाथ मे खुजल एक छोट पुस्‍तक छलनि। ओ अपन दहिना पयर समुद्र पर आ बामा पयर धरती पर रखलनि। 3 ओ ऊँ‍च स्‍वर सँ एना आवाज देलनि जेना सिंह गर्जन कयने होअय। एहि पर सातो मेघ-गर्जनक आवाज आबऽ लागल। 4 जखन ओ सातो मेघ-गर्जन अपन-अपन आवाज निकाललक, तँ हम ओकरा सभक कहल बात सभ केँ लिखबाक लेल हाथ उठौलहुँ, मुदा ओही घड़ी मे स्‍वर्ग सँ ई कहैत एकटा आवाज हम सुनलहुँ जे, “सातो मेघ-गर्जनक आवाज जे बात बाजल तकरा गुप्‍त राखह, ओकरा नहि लिखह।” 5 तखन जाहि स्‍वर्गदूत केँ हम समुद्र आ धरती पर ठाढ़ देखने छलियनि, से अपन दहिना हाथ स्‍वर्ग दिस ऊपर उठौलनि, 6 आ जे युगानुयुग जीवित छथि, जे स्‍वर्ग आ ओहि मेहक सभ वस्‍तुक, पृथ्‍वी आ ओहि परक सभ वस्‍तुक, और समुद्र आ ओहि मेहक सभ वस्‍तुक सृष्‍टिकर्ता छथि, तिनकर सपत खा कऽ कहलनि जे, “आब आरो देरी नहि होयत, 7 बल्‍कि जाहि दिन सातम स्‍वर्गदूतक फुकल धुतहूक आवाज सुनाइ पड़त, ताहि दिन परमेश्‍वरक ओ गुप्‍त योजना पूरा भऽ जायत, जकरा विषय मे ओ अपन सेवा करऽ वला प्रवक्‍ता सभ लग घोषणा कयने छलाह।” 8 तखन ओ आवाज जे स्‍वर्ग सँ हमरा पहिने सुनाइ देने छल, से फेर हमरा ई कहलक जे, “जाह, जे स्‍वर्गदूत समुद्र आ धरती पर ठाढ़ छथि, तिनका हाथ सँ ओ खुजल छोटका पुस्‍तक लऽ लैह।” 9 तेँ हम ओहि स्‍वर्गदूत लग जा कऽ कहलियनि जे, “ई छोट पुस्‍तक हमरा दऽ दिअ।” ओ हमरा कहलनि जे, “लैह, एकरा खा लैह। ई तोरा पेट केँ कड़ुआह बना देतह मुदा तोरा मुँह मे मधु सन मीठ लगतह।” 10 हम ओहि पुस्‍तक केँ स्‍वर्गदूतक हाथ सँ लऽ कऽ खा लेलहुँ। हमरा मुँह मे मधु सन मीठ लागल, मुदा जखन हम घोँटलहुँ, तँ हमर पेट कड़ुआह भऽ गेल। 11 तकरबाद हमरा कहल गेल जे, “तोरा फेर बहुतो राष्‍ट्र सभक, जाति सभक, भाषा सभक आ राजा सभक विषय मे भविष्‍यवाणी करऽ पड़तह।”

Revelation 11

1 तकरबाद हमरा एकटा नापऽ वला लग्‍गा देल गेल आ कहल गेल जे, “उठह, परमेश्‍वरक मन्‍दिर आ वेदी केँ नापह और मन्‍दिर मे आराधना कयनिहार सभक गिनती करह। 2 मुदा मन्‍दिरक बाहरी आङन केँ छोड़ि दहक, ओकरा नहि नापह, किएक तँ ओ परमेश्‍वर केँ नहि चिन्‍हऽ वला जातिक लोक सभ केँ देल गेल अछि। ओ सभ बयालीस महिना तक पवित्र नगर केँ लतमरदनि करैत रहत। 3 हम अपन दूनू गवाह केँ अधिकार देबैक जे ओ सभ चट्टी ओढ़ि कऽ एक हजार दू सय साठि दिन तक हमरा सँ पाओल सम्‍बादक प्रचार करथि।” 4 ई दूनू गवाह दूनू जैतूनक गाछ आ दीप राखऽ वला दूनू लाबनि छथि जे तिनका सामने मे ठाढ़ रहैत छथि जे पृथ्‍वीक प्रभु छथि। 5 जँ केओ हिनका सभ केँ हानि पहुँचयबाक कोशिश करत, तँ हिनका सभक मुँह सँ आगि बहरा कऽ ओहि दुश्‍मन सभ केँ भस्‍म कऽ देतैक। जे केओ हिनका सभक हानि पहुँचाबऽ चाहत, तकर विनाश एहि तरहेँ निश्‍चित अछि। 6 हिनका सभ केँ अधिकार छनि जे आकाशक द्वारि बन्‍द कऽ देथि, जाहि सँ ई सभ जहिया तक प्रभु सँ पाओल सम्‍बादक प्रचार करताह, तहिया तक वर्षा नहि होइक। हिनका सभ केँ इहो अधिकार छनि जे, जलस्रोत केँ खून बना देथि आ जतेक बेर चाहथि, पृथ्‍वी पर सभ प्रकारक महामारी पठबथि। 7 जखन ओ सभ अपन गवाही देबाक काज समाप्‍त कऽ लेताह तँ ओ जानबर जे अथाह कुण्‍ड मे सँ बहराइत अछि, से हुनका सभ पर आक्रमण करत आ हुनका सभ केँ पराजित कऽ कऽ मारि देतनि। 8 हुनका सभक लास ओहि महानगरक सड़क पर पड़ल रहतनि, जतऽ हुनका सभक प्रभु केँ सेहो क्रूस पर चढ़ा कऽ मारि देल गेल छलनि और जे तुलनात्‍मक रूप मे “सदोम” आ “मिस्र” कहबैत अछि। 9 साढ़े तीन दिन तक प्रत्‍येक राष्‍ट्र, कुल, भाषा आ जातिक लोक हुनका सभक लास केँ देखैत रहत आ ओहि लास सभ केँ कबर मे नहि राखऽ देत। 10 पृथ्‍वीक निवासी सभ हुनका सभक मृत्‍यु सँ प्रसन्‍न होयत आ एक-दोसर केँ उपहार पठा कऽ आनन्‍द मनाओत, किएक तँ परमेश्‍वरक ई दूनू प्रवक्‍ता पृथ्‍वीक निवासी सभ केँ बहुत कष्‍ट पहुँचौने छलाह। 11 मुदा साढ़े तीन दिनक बाद परमेश्‍वरक दिस सँ हुनका दूनू मे जीवनक साँस आबि गेलनि आ ओ सभ उठि कऽ ठाढ़ भऽ गेलाह। तखन सभ देखनिहारक मोन मे भयंकर डर सन्‍हिया गेलैक। 12 तखने स्‍वर्ग सँ ऊँच आवाज मे एक स्‍वर हुनका सभ केँ ई कहैत सुनाइ देलक जे, “एतऽ ऊपर आबह,” आ ओ दूनू गोटे अपन दुश्‍मन सभक आँखिक सामने मेघ बाटे स्‍वर्ग मे चल गेलाह। 13 ओही घड़ी बड़का भूकम्‍‍प भेल आ नगरक दसम भाग माटि मे मिलि गेल। ओहि भूकम्‍‍प सँ सात हजार लोक मारल गेल आ बाँचल लोक सभ भयभीत भऽ स्‍वर्ग मे विराजमान रहऽ वला परमेश्‍वरक महिमाक गुणगान करऽ लागल। 14 दोसर विपत्ति समाप्‍त भऽ गेल। देखू, तेसर विपत्ति जल्‍दिए आबऽ वला अछि। 15 सातम स्‍वर्गदूत धुतहू फुकलनि। एहि पर स्‍वर्ग मे एना कहैत कतेको आवाज जोर-जोर सँ आबऽ लागल जे, “संसारक राज्‍य हमरा सभक प्रभु आ हुनकर मसीह केँ प्राप्‍त भऽ गेलनि। ओ युगानुयुग तक राज्‍य करताह।” 16 तखन चौबीसो धर्मवृद्ध, जे परमेश्‍वरक सम्‍मुख अपन-अपन सिंहासन पर बैसल छलाह, से सभ मुँह भरे खसि कऽ परमेश्‍वरक आराधना करैत कहऽ लगलाह जे, 17 “हे सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर, 2 अहाँ जे छी, आ जे छलहुँ! हम सभ अहाँ केँ धन्‍यवाद दैत छी जे 2 अहाँ अपन सामर्थ्‍यक प्रयोग कऽ कऽ राज्‍य करऽ लागल छी। 18 जाति-जातिक लोक सभ क्रोधित भेल, 2 और आब अहाँक क्रोध प्रगट भऽ गेल अछि। ओ समय आबि गेल अछि, जहिया मुइल लोक सभक न्‍याय कयल जयतैक, 2 और जहिया अहाँक सेवा करऽ वला प्रवक्‍ता सभ 2 आ अहाँक लोक सभ केँ पुरस्‍कार भेटतैक, 2 अर्थात् छोट-पैघ ओहि सभ लोक केँ जे अहाँक नामक भय मानैत अछि। ओ समय आबि गेल अछि जहिया पृथ्‍वी केँ नष्‍ट-भ्रष्‍ट कयनिहार सभक विनाश कयल जयतैक।” 19 तखन परमेश्‍वरक मन्‍दिर जे स्‍वर्ग मे छल से खोलल गेल आ ओहि मन्‍दिर मे परमेश्‍वरक “सम्‍बन्‍धक साक्षीक सन्‍दूक” देखाइ देलक। बिजुली चमकऽ लागल, मेघक गोंगिअयबाक आ तड़कबाक आवाज होमऽ लागल, भूकम्‍‍प भेल आ बड़का-बड़का पाथर खसऽ लागल।

Revelation 12

1 तकरबाद आकाश मे एक आश्‍चर्यजनक चिन्‍ह देखाइ देलक जकर अर्थ महत्‍वपूर्ण अछि—एक स्‍त्री वस्‍त्रक रूप मे सूर्य पहिरने छलीह। हुनका पयरक नीचाँ मे चन्‍द्रमा छल आ सिर पर बारहटा ताराक एक मुकुट छलनि। 2 ओ गर्भवती छलीह आ बच्‍चा केँ जन्‍म देबाक समय आबि जयबाक कारणेँ प्रसव-पीड़ा सँ चीत्‍कार करैत छलीह। 3 एकटा आरो चिन्‍ह आकाश मे देखाइ देलक—लाल रंगक एक विशाल अजगर। ओकरा सातटा मूड़ी आ दसटा सीँग छलैक आ ओकरा मूड़ी सभ पर सातटा मुकुट छलैक। 4 ओकर नांगड़ि आकाशक एक तिहाइ भाग तारा सभ केँ बहारि कऽ पृथ्‍वी पर खसा देलक। बच्‍चा केँ जन्‍म देबऽ वाली स्‍त्रीक सम्‍मुख ओ अजगर ठाढ़ भऽ गेल, जाहि सँ जखने बच्‍चाक जन्‍म होअय, तँ ओकरा गीड़ि जाइ। 5 ओ स्‍त्री एक बालक केँ जन्‍म देलनि—ओहि पुत्र केँ, जे सभ जातिक लोक सभ पर लोहाक राजदण्‍ड सँ शासन करताह। मुदा ओहि बच्‍चा केँ तुरत उठा कऽ परमेश्‍वर आ हुनका सिंहासन लग पहुँचा देल गेलनि। 6 ओ स्‍त्री मरुभूमि दिस भागि कऽ चलि गेलीह जतऽ परमेश्‍वर हुनका लेल एक स्‍थान तैयार कयने छलथिन, जाहि सँ एक हजार दू सय साठि दिन तक ओतऽ हुनकर देखभाल कयल जानि। 7 तकरबाद स्‍वर्ग मे युद्ध शुरू भऽ गेल। मिकाएल अपन स्‍वर्गदूत सभ केँ संग लऽ अजगर सँ युद्ध करऽ लगलाह। अजगर आ ओकर दूत सभ सेहो युद्ध कयलक, 8 मुदा ओ सभ हारि गेल आ ओकरा सभक लेल स्‍वर्ग मे कोनो स्‍थान नहि रहलैक। 9 तखन ओ भयंकर अजगर—प्राचीन समयक ओ साँप, जे महादुष्‍ट वा शैतान कहबैत अछि आ सम्‍पूर्ण संसार केँ बहकबैत अछि, तकरा अपन दूत सभक संग पृथ्‍वी पर फेकि देल गेलैक। 10 तखन हम स्‍वर्ग मे जोर सँ बजैत एकटा आवाज सुनलहुँ जे ई कहैत छल जे, “आब हमरा सभक परमेश्‍वरक मुक्‍ति, शक्‍ति, राज्‍य 2 आ हुनकर मसीहक अधिकार प्रगट भेल अछि। किएक तँ हमरा सभक भाय सभ पर दोष लगौनिहार ओ शैतान जे दिन-राति परमेश्‍वरक समक्ष ओकरा सभ पर दोष लगबैत रहैत छल, तकरा नीचाँ फेकि देल गेल अछि। 11 ओ सभ बलि-भेँड़ाक खून द्वारा 2 आ ओहि वचन द्वारा जकर ओ सभ गवाही दैत रहल ओकरा पर विजयी भेल अछि, किएक तँ ओ सभ अपन प्राणक मोह छोड़ि कऽ 2 मृत्‍यु केँ सेहो स्‍वीकार करबाक लेल तैयार छल। 12 एहि कारणेँ, हे स्‍वर्ग आ ओहि मे निवास कयनिहार सभ, 2 आनन्‍द मनाउ! मुदा हे पृथ्‍वी आ समुद्र, तोरा सभ केँ कतेक कष्‍ट होयतह! 2 किएक तँ शैतान तोरा सभ लग उतरि आयल छह आ ई जानि जे ओकरा कनेके समय बाँचल छैक अत्‍यन्‍त क्रोधित भऽ गेल अछि।” 13 जखन ओ अजगर देखलक जे ओ पृथ्‍वी पर फेकि देल गेल अछि, तँ ओ ओहि स्‍त्री केँ पाछाँ करऽ लागल, जे बालक केँ जन्‍म देने छलीह। 14 मुदा स्‍त्री केँ विशालकाय गरुड़क दूटा पाँखि देल गेलनि, जाहि सँ ओ अजगरक सम्‍मुख सँ उड़ि कऽ ओहि मरुभूमि मे चलि जाथि, जतऽ साढ़े तीन वर्ष तक हुनकर देखभाल कयल जानि। 15 अजगर स्‍त्रीक पाछाँ अपना मुँह सँ नदी जकाँ पानि निकाललक, जाहि सँ कि स्‍त्री केँ बाढ़ि बहा कऽ लऽ जानि। 16 मुदा पृथ्‍वी स्‍त्रीक सहायता कयलकनि आ अपन मुँह खोलि कऽ ओहि पानि केँ, जे अजगर अपना मुँह सँ बहौने छल, पिबि लेलक। 17 तखन अजगर स्‍त्री पर अत्‍यन्‍त क्रोधित भेल आ स्‍त्रीक आरो-आरो सन्‍तान सभ सँ, अर्थात्, जे सभ परमेश्‍वरक आज्ञा मानैत छथि आ यीशुक विषय मे देल गेल गवाही पर अटल छथि, तिनका सभ सँ युद्ध करबाक लेल गेल। 18 ओ समुद्रक कछेर पर जा कऽ ठाढ़ भऽ गेल।

Revelation 13

1 तखन हम एकटा जानबर केँ समुद्र मे सँ बहराइत देखलहुँ जकरा दसटा सीँग आ सातटा सिर छलैक। ओकर प्रत्‍येक सीँग पर मुकुट छलैक आ प्रत्‍येक सिर पर एहन नाम लिखल छलैक जाहि द्वारा परमेश्‍वरक अपमान होइत छल। 2 हम जाहि जानबर केँ देखलहुँ, से चितुआ सन छल, मुदा ओकर पयर भालुक पयर सन छलैक आ मुँहक आकार सिंहक मुँह सन छलैक। ओकरा अजगर अपन शक्‍ति, अपन सिंहासन आ अपन महान्‌ अधिकार प्रदान कऽ देलकैक। 3 एना लगैत छल जे ओकर एकटा सिर पर प्राण-घातक प्रहार कयल गेल छलैक, मुदा ओ घाव ठीक भऽ गेल छलैक। एहि कारणेँ सम्‍पूर्ण पृथ्‍वीक लोक आश्‍चर्यित भऽ ओहि जानबरक भक्‍त भऽ गेल। 4 लोक सभ अजगरक पूजा कयलक, किएक तँ वैह जानबर केँ अधिकार देने छलैक। ओ सभ जानबरक पूजा सेहो कयलक आ कहलक, “एहि जानबरक बराबरि के भऽ सकैत अछि? एकरा संग के युद्ध कऽ सकैत अछि?” 5 ओहि जानबर केँ अहंकारी आ परमेश्‍वरक निन्‍दा वला बात सभ बजबाक मुँह देल गेलैक आ बयालीस महिना तक ओकरा अपन काज करैत रहबाक अधिकार भेटलैक। 6 एहि पर ओ परमेश्‍वरक निन्‍दा करऽ लागल आ हुनकर नामक, हुनकर निवास-स्‍थानक आ ओहि सभ लोकक जे स्‍वर्ग मे रहैत छथि, अपमान करऽ लागल। 7 परमेश्‍वरक लोक सभक संग युद्ध करबाक आ हुनका सभ पर विजय पयबाक शक्‍ति ओकरा देल गेलैक, और प्रत्‍येक कुल, राष्‍ट्र, भाषा आ जातिक लोक पर ओकरा अधिकार भेटलैक। 8 ओहि जानबरक पूजा पृथ्‍वीक सभ लोक करत, अर्थात्, ओ सभ लोक जकरा सभक नाम ओहि बलि-भेँड़ाक, जे सृष्‍टिक आरम्‍भ सँ पहिने वध कयल गेल छलाह, तिनकर जीवनक पुस्‍तक मे नहि लिखल गेल छैक। 9 जकरा सभ केँ कान होइक से सभ सुनि लओ। 10 “जकरा बन्‍दी बनबाक छैक, 2 से बन्‍दी बनाओल जायत। जकरा तरुआरि सँ मरबाक छैक, 2 से तरुआरि सँ मारल जायत।” एकर अर्थ अछि जे परमेश्‍वरक लोक सभ केँ धैर्यक संग साहस रखैत विश्‍वास मे स्‍थिर रहनाइ जरूरी अछि। 11 तकरबाद हम एक दोसर जानबर केँ देखलहुँ; ओ धरती मे सँ बहराइत छल। ओकरा भेँड़ा जकाँ दूटा सीँग छलैक, मुदा ओ अजगर जकाँ बजैत छल। 12 ओ पहिल जानबरक सेवा मे ओकर सम्‍पूर्ण अधिकार प्रयोग मे लबैत छल। ओ पृथ्‍वी आ ओहि परक सभ निवासी सँ ओहि पहिल जानबरक, जकर प्राण-घातक घाव ठीक भऽ गेल छलैक, पूजा करबबैत छल। 13 ओ बड़का-बड़का चमत्‍कार देखबैत छल, एहनो चमत्‍कार जे लोकक देखिते-देखिते मे आकाश सँ पृथ्‍वी पर आगि बरसा दैत छल। 14 पहिल जानबरक सेवा मे जे चमत्‍कार सभ देखयबाक शक्‍ति ओकरा भेटल छलैक, ताहि द्वारा ओ पृथ्‍वीक निवासी सभ केँ बहकबैत छल। ओ ओकरा सभ सँ ओहि पहिल जानबर, जकरा पर तरुआरिक प्रहार भेल छल आ तैयो जीवित छल, तकरा सम्‍मान मे ओकर मूर्ति बनबौलक। 15 ओकरा जानबरक प्रतिमा मे प्राण राखि देबाक अधिकार भेटलैक जाहि सँ ओ प्रतिमा बाजऽ लागय आ जे सभ प्रतिमाक पूजा नहि करत तकरा मरबा दय। 16 ओ छोट-पैघ, धनिक-गरीब, स्‍वतन्‍त्र-दास, सभ लोक केँ दहिना हाथ पर वा कपार पर छाप लगबयबाक लेल बाध्‍य कयलकैक। 17 ओ एहि प्रकारक नियम बना देलक जे जकरा पर ओ छाप नहि लागल छलैक से सभ कोनो प्रकारक किनऽ-बेचऽ वला काज नहि कऽ सकैत छल। ओ छाप जानबरक नाम वा ओकरा नाम सँ सम्‍बन्‍धित अंक छल। 18 एतऽ बुद्धिक आवश्‍यकता अछि। जे बुद्धिमान होअय, से जानबरक नामक अंकक हिसाब लगाबओ, किएक तँ ई अंक मनुष्‍यक नामक संकेत अछि। ई अंक 666 अछि।

Revelation 14

1 तकरबाद हम आँखि ऊपर उठौलहुँ, तँ देखलहुँ जे बलि-भेँड़ा सियोन पहाड़ पर ठाढ़ छथि आ हुनका संग एक लाख चौआलिस हजार लोक छथि जिनका सभक कपार पर बलि-भेँड़ाक नाम आ हुनकर पिताक नाम लिखल छनि। 2 तखन हम स्‍वर्ग सँ समुद्रक गरजनाइ जकाँ आ मेघक जोर सँ तड़कनाइ जकाँ, आवाज सुनलहुँ। हम जे आवाज सुनि रहल छलहुँ से एहन छल जेना वीणा बजौनिहार सभ वीणा बजा रहल होअय। 3 ओ सभ सिंहासनक सम्‍मुख आ चारू जीवित प्राणी और धर्मवृद्ध सभक सम्‍मुख एक नव गीत गाबि रहल छलाह। ओहि एक लाख चौआलिस हजार लोक जे सभ पृथ्‍वी पर सँ किनल गेल छलाह, तिनका सभ केँ छोड़ि, केओ नहि ओहि गीत केँ जानि सकैत छल। 4 ई सभ ओ लोक छथि जे स्‍त्रीक संसर्ग सँ दुषित नहि भेल छथि, किएक तँ ई सभ अपना केँ पवित्र रखने छथि। जतऽ कतौ बलि-भेँड़ा जाइत छथि, ततऽ ई लोक सभ हुनका संग चलैत छथि। हिनका सभ केँ फसिलक प्रथम फलक चढ़ौना जकाँ परमेश्‍वर आ बलि-भेँड़ा केँ विशेष रूप सँ अर्पित होयबाक लेल मनुष्‍य सभ मे सँ किनल गेल छनि। 5 हिनका सभक मुँह सँ कहियो झूठ नहि बहरायल। ई सभ निष्‍कलंक छथि। 6 तकरबाद हम एक आओर स्‍वर्गदूत केँ आकाशक बीच मे उड़ैत देखलियनि। हुनका लग पृथ्‍वी पर रहनिहार प्रत्‍येक जाति, कुल, भाषा आ राष्‍ट्रक लोक सभ केँ सुनयबाक लेल अनन्‍त काल तक रहऽ वला सनातन शुभ समाचार छलनि। 7 ओ ऊँ‍च स्‍वर मे कहलनि, “परमेश्‍वरक भय मानू आ हुनकर महिमाक गुणगान करू, किएक तँ हुनकर न्‍याय करबाक समय आबि गेल अछि। स्‍वर्ग, पृथ्‍वी, समुद्र आ जलस्रोत सभक जे सृष्‍टि कयने छथि, तिनकर आराधना करू।” 8 तकरबाद एक दोसर स्‍वर्गदूत अयलाह आ कहलनि, “सर्वनाश भऽ गेलैक! ओहि महान् बेबिलोन नगरक जे अपन कुकर्मक काम-वासना वला मदिरा सभ जाति केँ पिऔने छलैक, तकर सर्वनाश भऽ गेलैक!” 9 फेर एक तेसर स्‍वर्गदूत अयलाह। ओ ऊँ‍च स्‍वर मे कहलनि, “जँ कोनो मनुष्‍य जानबरक आ ओकर मूर्तिक पूजा करत और अपन कपार वा हाथ पर ओकर छाप लगबाओत, 10 तँ ओकरा परमेश्‍वरक क्रोधक ओ मदिरा पिबऽ पड़तैक जे बिनु कोनो मिलावट कऽ हुनका क्रोधक बाटी मे ढारल गेल अछि। ओ पवित्र स्‍वर्गदूत सभ आ बलि-भेँड़ाक सम्‍मुख आगि आ गन्‍धक मे घोर यातना भोगत। 11 जे लोक जानबर आ ओकर मूर्तिक पूजा करैत अछि आ ओकर नामक छाप स्‍वीकार करैत अछि तकर सभक यातनाक धुआँ युगानुयुग तक उड़ैत रहत आ ओकरा सभ केँ दिन-राति कखनो चैन नहि भेटतैक।” 12 एहि कारणेँ परमेश्‍वरक लोक सभ केँ, अर्थात् तकरा सभ केँ, जे सभ परमेश्‍वरक आज्ञाक पालन करैत अछि आ यीशु पर विश्‍वास करऽ मे स्‍थिर रहैत अछि, धैर्यक संग साहस रखनाइ जरूरी अछि। 13 तखन हमरा स्‍वर्ग सँ एकटा आवाज ई कहैत सुनाइ देलक जे, “ई लिखह—आब ओ लोक सभ जे प्रभु पर विश्‍वास कऽ कऽ मरैत अछि, से कतेक धन्‍य अछि!” प्रभुक आत्‍मा ई कहैत छथि जे, “हँ, ओ सभ अपन-अपन परिश्रम सँ आराम पाओत, किएक तँ ओकरा सभक सत्‍कर्म ओकरा सभक संग जयतैक।” 14 फेर हम नजरि उठौलहुँ तँ देखैत छी जे एक उज्‍जर मेघ अछि आ मेघ पर मनुष्‍य-पुत्र सन केओ बैसल छथि। हुनका सिर पर सोनाक मुकुट आ हाथ मे एक तेज हाँसू छनि। 15 तखन एक दोसर स्‍वर्गदूत मन्‍दिर सँ बहरयलाह आ मेघ पर बैसल व्‍यक्‍ति केँ ऊँ‍च स्‍वर मे कहलथिन, “अपन हाँसू चलाउ आ फसिल काटू, किएक तँ कटनी करबाक समय भऽ गेल अछि, पृथ्‍वीक फसिल पाकि गेल अछि।” 16 मेघ पर बैसल व्‍यक्‍ति पृथ्‍वी पर अपन हाँसू घुमौलनि आ पृथ्‍वीक फसिल कटा गेल। 17 तकरबाद एक दोसर स्‍वर्गदूत स्‍वर्गक मन्‍दिर मे सँ बहरयलाह। हुनको हाथ मे एकटा तेजगर हाँसू छलनि। 18 एकटा आओर स्‍वर्गदूत, जिनका आगि पर अधिकार छलनि, से वेदी लग सँ आबि ऊँ‍च स्‍वर मे ओहि स्‍वर्गदूत केँ जे तेजगर हाँसू लेने छलाह, कहलथिन, “अपन तेजगरहा हाँसू घुमाउ आ पृथ्‍वी पर सँ अंगूरक गुच्‍छा सभ जमा कऽ लिअ, किएक तँ ओ सभ पाकि गेल अछि।” 19 ओ स्‍वर्गदूत अपन हाँसू घुमौलनि आ पृथ्‍वी परक अंगूर सभ केँ काटि कऽ परमेश्‍वरक क्रोध रूपी विशाल रसकुण्‍ड मे राखि देलनि। 20 ओ रसकुण्‍ड जे नगरक बाहर छल, ताहि मे अंगूर सभ पयर सँ पिचल गेल, और रसकुण्‍ड मे सँ जे खून बहल से घोड़ाक लगामक उँचाइ तक ऊँच, आ लगभग एक सय कोस दूर तक पहुँचि गेल।

Revelation 15

1 हम स्‍वर्ग मे एक आओर महत्‍वपूर्ण आ आश्‍चर्यजनक चिन्‍ह देखलहुँ—सातटा स्‍वर्गदूत छलाह जिनका लग सातटा विपत्ति छलनि। ई अन्‍तिम विपत्ति सभ अछि, किएक तँ एकरा सभ द्वारा परमेश्‍वरक क्रोध पूर्ण भऽ कऽ समाप्‍त भऽ जाइत अछि। 2 आब हमरा आगि मिलायल सीसाक समुद्र सन कोनो वस्‍तु देखाइ देलक। जे लोक सभ जानबर पर, ओकर मूर्ति पर आ ओकर नाम सँ सम्‍बन्‍धित अंक पर विजय पौने छल, से सभ ओहि सीसाक समुद्र पर ठाढ़ छल। ओकरा सभक हाथ मे परमेश्‍वरक दिस सँ देल गेल वीणा छलैक। 3 ओ सभ परमेश्‍वरक सेवक मूसाक गीत आ बलि-भेँड़ाक गीत गाबि कऽ कहि रहल छल जे, “हे सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर! अहाँक काज सभ महान् आ अद्‌भुत अछि। हे युग-युगक राजा! अहाँ जे किछु करैत छी से न्‍यायसंगत आ सत्‍य अछि। 4 हे प्रभु, के अहाँक भय नहि मानत आ अहाँक महिमाक गुणगान नहि करत? किएक तँ अहींटा पवित्र छी। सभ जातिक लोक सभ आबि कऽ अहाँक आराधना करत, किएक तँ अहाँक न्‍यायसंगत काज सभ प्रगट भऽ गेल अछि।” 5 तकरबाद हम आँखि ऊपर उठौलहुँ, तँ देखलहुँ जे स्‍वर्ग मेहक मन्‍दिर, अर्थात् साक्षीक मण्‍डप, खोलल गेल, 6 आ ओहि मे सँ ओ सातटा विपत्ति लऽ कऽ सातो स्‍वर्गदूत बहरयलाह। ओ सभ साफ आ चमकऽ वला मलमलक वस्‍त्र पहिरने छलाह आ हुनका सभक छाती पर सोनाक चौड़ा पट्टी बान्‍हल छलनि। 7 तखन ओहि चारू जीवित प्राणी मे सँ एक प्राणी ओहि सात स्‍वर्गदूत केँ सोनाक सातटा कटोरा देलथिन जे युगानुयुग जीवित रहऽ वला परमेश्‍वरक क्रोध सँ भरल छल। 8 आब मन्‍दिर परमेश्‍वरक महिमा आ सामर्थ्‍यक कारणेँ धुआँ सँ भरि गेल। जा धरि ओहि सात स्‍वर्गदूतक सातो विपत्ति सभ समाप्‍त नहि भऽ गेल, ता धरि केओ मन्‍दिर मे प्रवेश नहि कऽ सकल।

Revelation 16

1 तखन हम मन्‍दिर मे सँ ऊँ‍च स्‍वर मे एक आवाज सुनलहुँ जे ओहि सातो स्‍वर्गदूत केँ कहि रहल छलनि, “जाह, परमेश्‍वरक क्रोध सँ भरल ओ सातो कटोरा पृथ्‍वी पर उझिलि दहक।” 2 एहि पर पहिल स्‍वर्गदूत जा कऽ अपन कटोरा पृथ्‍वी पर उझिलि देलनि। ओहि सँ जाहि लोक पर जानबरक छाप लागल छल आ जे सभ ओकर मूर्तिक पूजा करैत छल, तकरा सभक शरीर मे घृणित आ दुःखदायी फोंका बहरा गेलैक। 3 दोसर स्‍वर्गदूत अपन कटोरा समुद्र मे उझिललनि, तँ समुद्रक पानि मरल मनुष्‍यक खून जकाँ खूने-खून भऽ गेल आ ओहि मेहक प्रत्‍येक जीव-जन्‍तु मरि गेल। 4 तेसर स्‍वर्गदूत अपन कटोरा नदी सभ पर आ जलक स्रोत सभ पर उझिललनि; ओहो सभ खून बनि गेल। 5 तखन हम ओहि स्‍वर्गदूत केँ, जिनका जल पर अधिकार छनि, ई कहैत सुनलहुँ, “हे पवित्र परमेश्‍वर, अहाँ, जे छी आ जे छलहुँ, अहाँ न्‍यायी छी, अहाँक ई निर्णय सभ न्‍यायसंगत अछि। 6 जे सभ अहाँक लोक सभक आ अहाँक प्रवक्‍ता सभक खून बहौने छल, तकरा सभ केँ अहाँ पिबाक लेल खूने देलहुँ। ओकरा सभ केँ ई दण्‍ड भेटनाइ उचिते छल।” 7 तखन हम फेर वेदी लग सँ एकटा आवाज केँ ई कहैत सुनलहुँ, “हँ, हे सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर, अहाँक निर्णय सभ निश्‍चय उचित आ न्‍यायसंगत अछि।” 8 चारिम स्‍वर्गदूत अपन कटोरा सूर्य पर उझिलि देलनि। सूर्य केँ शक्‍ति देल गेलैक जे ओ मनुष्‍य सभ केँ अपन आगिक ताप सँ झरकाबय। 9 मनुष्‍य सभ प्रचण्‍ड ताप सँ झरकऽ लागल। ओ सभ विपत्ति सभ पर अधिकार रखनिहार परमेश्‍वरक नामक निन्‍दा कयलक, मुदा अपना पापक लेल पश्‍चात्ताप कऽ कऽ हृदय-परिवर्तन नहि कयलक आ परमेश्‍वरक स्‍तुति नहि करऽ चाहलक। 10 पाँचम स्‍वर्गदूत अपन कटोरा जानबरक सिंहासन पर उझिलि देलनि। एहि सँ ओकर सम्‍पूर्ण राज्‍य मे अन्‍हार पसरि गेलैक आ पीड़ाक कारणेँ लोक सभ अपन जीह दाँत सँ काटऽ लागल। 11 ओ सभ अपन पीड़ा आ फोंका सभक कारणेँ स्‍वर्ग मे विराजमान रहऽ वला परमेश्‍वरक निन्‍दा कयलक, मुदा अपन अधलाह काज सभक लेल पश्‍चात्ताप कऽ कऽ हृदय-परिवर्तन नहि कयलक। 12 छठम स्‍वर्गदूत अपन कटोरा फरात महा-नदी पर उझिलि देलनि। फरात नदीक जल सुखा गेल जाहि सँ पूब दिसक राजा सभक लेल अयबाक बाट तैयार भऽ जाइक। 13 तकरबाद हम अजगरक मुँह सँ, जानबरक मुँह सँ आ झुट्ठा भविष्‍यवक्‍ताक मुँह सँ तीनटा दुष्‍टात्‍मा केँ, जे देखऽ मे बेङ जकाँ लगैत छल, बहराइत देखलहुँ। 14 ई सभ चमत्‍कार देखाबऽ वला दुष्‍टात्‍मा सभ अछि। ओ सभ समस्‍त संसारक राजा सभ लग जा कऽ ओकरा सभ केँ जमा करैत अछि जाहि सँ “सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वरक महान् दिन” अयला पर ओ सभ युद्ध करय। 15 “देखह, हम चोर जकाँ आबि रहल छी! धन्‍य अछि ओ जे जागल रहैत अछि आ अपन वस्‍त्र अपना संग रखैत अछि जाहि सँ ओ नाङट नहि बहराय आ लोक ओकर नग्‍नता नहि देखैक।” 16 ओ अशुद्ध आत्‍मा सभ राजा सभ केँ ओहि स्‍थान पर जमा कयलक जे इब्रानी भाषा मे हर-मगिदोन कहबैत अछि। 17 तखन सातम स्‍वर्गदूत अपन कटोरा हवा मे उझिललनि। मन्‍दिरक सिंहासन सँ बहुत जोरक आवाज मे ई कहैत सुनाइ देलक, “समाप्‍त भऽ गेल!” 18 एहि पर बिजुली चमकऽ लागल, मेघक गोंगिअयबाक आ तड़कबाक आवाज होमऽ लागल आ बहुत भारी भूकम्‍‍प भेल। ओ भूकम्‍‍प एतेक भारी छल जे पृथ्‍वी पर मनुष्‍यक उत्‍पत्ति सँ लऽ कऽ आइ तक कहियो नहि ओहन भूकम्‍‍प भेल छल। 19 ओहि भूकम्‍‍प सँ महानगरक तीन टुकड़ा भऽ गेल आ संसारक राष्‍ट्र सभक नगर सभ खण्‍डहर भऽ गेल। परमेश्‍वर महानगर बेबिलोन केँ स्‍मरण कयलनि और अपन भयंकर क्रोधक मदिरा ओकरा पिऔलनि। 20 सभ द्वीप विलीन भऽ गेल आ पहाड़ सभक पता नहि चलल। 21 आकाश सँ मन-मन भरि केँ बड़का-बड़का पाथर मनुष्‍य सभ पर खसऽ लागल। पाथरक वर्षाक कारणेँ मनुष्‍य सभ परमेश्‍वरक निन्‍दा कयलक, किएक तँ ई विपत्ति अत्‍यन्‍त भयंकर छल।

Revelation 17

1 जाहि सात स्‍वर्गदूत लग सातटा कटोरा छलनि ताहि मे सँ एकटा स्‍वर्गदूत हमरा लग आबि कऽ कहलनि, “एतऽ आउ, हम अहाँ केँ देखायब जे ओहि महावेश्‍या केँ कोना कऽ दण्‍डित कयल जायत जे बहुतो नदी-नहरिक पानि पर बैसल अछि। 2 ओकरा संग पृथ्‍वीक राजा सभ कुकर्म कयलक आ पृथ्‍वीक निवासी सभ ओकर कुकर्मक मदिरा पिबि कऽ माति गेल अछि।” 3 तकरबाद ओ स्‍वर्गदूत हमरा प्रभुक आत्‍माक नियन्‍त्रण मे राखि कऽ मरुभूमि मे लऽ गेलाह। हम ओतऽ एक स्‍त्रीगण केँ एक लाल जानबर पर बैसल देखलहुँ। जानबरक सम्‍पूर्ण शरीर पर परमेश्‍वरक निन्‍दा करऽ वला नाम सभ लिखल छल। ओकरा सातटा मूड़ी आ दसटा सीँग छलैक। 4 ओ स्‍त्री बैगनी आ लाल रंगक वस्‍त्र पहिरने छलि आ सोन, बहुमूल्‍य पाथर आ मोती सभ सँ सुसज्‍जित छलि। ओ हाथ मे सोनाक लोटा लेने छलि जे घृणित वस्‍तु सभ सँ आ ओकर वेश्‍यावृत्तिक अशुद्धता सँ भरल छलैक। 5 ओकरा कपार पर एक रहस्‍यमय नाम अंकित छलैक— “महान् बेबिलोन, पृथ्‍वीक वेश्‍या सभ आ घृणित वस्‍तु सभक माय।” 6 हम देखलहुँ जे ओ स्‍त्री परमेश्‍वरक लोक सभक खून पिबि कऽ माति गेल अछि। ओ तिनका सभक खून पिबि लेने छल, जे सभ यीशुक लेल गवाही देबाक कारणेँ मारल गेल छलाह। हम ओकरा देखि कऽ अत्‍यन्‍त चकित भऽ गेलहुँ। 7 तखन ओ स्‍वर्गदूत हमरा कहलनि, “अहाँ किएक चकित होइत छी? हम अहाँ केँ ओहि स्‍त्रीक रहस्‍य बुझा दैत छी आ ओहि जानबरक सेहो, जाहि पर ओ सवार अछि, जकरा सातटा मूड़ी आ दसटा सीँग छैक। 8 जाहि जानबर केँ अहाँ देखलहुँ से पहिने छल, आब नहि अछि, आ अथाह कुण्‍ड मे सँ निकलऽ वला अछि; ओ निकलत आ नष्‍ट कयल जायत। मुदा पृथ्‍वीक ओ निवासी सभ जकरा सभक नाम सृष्‍टिक आरम्‍भहि सँ जीवनक पुस्‍तक मे नहि लिखल गेल अछि, से सभ ई देखि कऽ आश्‍चर्य मे पड़ि जायत जे ओ जानबर पहिने छल, तखन नहि छल, और फेर आबि गेल अछि। 9 एकरा बुझबाक लेल विवेकपूर्ण बुद्धिक आवश्‍यकता अछि। ओ सातटा मूड़ी सातटा पहाड़ अछि जाहि पर ओ स्‍त्री बैसल अछि। 10 ओ सभ सातटा राजा सेहो अछि जाहि मे सँ पाँचटाक पतन भऽ गेल अछि, एकटा एखन अछि आ दोसर एखनो आयल नहि अछि, मुदा जखन ओ आओत तँ किछुए समय तक रहि पाओत। 11 ओ जानबर जे पहिने छल आ आब नहि अछि, से आठम राजा अछि। मुदा वास्‍तव मे ओ ओही सात राजाक समूह मेहक अछि, और ओकर विनाश निश्‍चित अछि। 12 “अहाँ जे दस सीँग देखलहुँ, से दसटा राजा अछि। ओकरा सभ केँ एखन तक राज्‍य-सत्ता नहि भेटल छैक, मुदा ओकरा सभ केँ घड़ी भरिक लेल मात्रे ओहि जानबरक संग राज्‍याधिकार देल जयतैक। 13 ओकरा सभक एकेटा उद्देश्‍य छैक और तकरा लेल ओ सभ अपन शक्‍ति आ अधिकार ओहि जानबर केँ सौंपि देतैक। 14 ओ सभ बलि-भेँड़ाक संग युद्ध करत आ बलि-भेँड़ा ओकरा सभ पर विजयी भऽ जयताह, किएक तँ ओ प्रभु सभक प्रभु आ राजा सभक राजा छथि। हुनका संग ओ लोक सभ रहत जे सभ हुनकर बजाओल गेल, चुनल गेल आ विश्‍वासयोग्‍य लोक सभ अछि।” 15 तकरबाद स्‍वर्गदूत हमरा कहलनि, “नदी-नहरि सभक ओ पानि जे अहाँ देखलहुँ आ जाहि पर वेश्‍या बैसल अछि, से सभ अनेक राष्‍ट्र, विशाल जनसमूह, जाति-जातिक लोक आ विभिन्‍न भाषाक लोक सभ अछि। 16 अहाँ जाहि जानबर केँ आ दसटा सीँग केँ देखलहुँ से सभ ओहि वेश्‍याक शत्रु बनि जायत। ओ सभ ओकरा उजाड़ कऽ कऽ नाङट कऽ देतैक। ओकर माँसु खा जयतैक आ ओकरा आगि मे जरा देतैक। 17 किएक तँ जाबत तक परमेश्‍वरक कहल बात पूरा नहि भऽ जानि, ताबत तक परमेश्‍वर अपन उद्देश्‍य पूरा करयबाक लेल ओहि राजा सभ केँ एहि बात मे एकमत रहबाक भावना देथिन जे हम सभ अपन राजकीय अधिकार जानबर केँ सौंपने रहब। 18 अहाँ जाहि स्‍त्री केँ देखलहुँ, से ओ महानगर अछि जे पृथ्‍वीक राजा सभ पर राज्‍य करैत अछि।”

Revelation 18

1 तकरबाद हम एक आओर स्‍वर्गदूत केँ स्‍वर्ग सँ उतरैत देखलहुँ। हुनका लग पैघ अधिकार छलनि आ हुनकर तेज सँ धरती प्रकाशित भऽ गेल। 2 ओ ऊँच स्‍वर मे बजलाह, “सर्वनाश भऽ गेलैक! महानगर बेबिलोनक सर्वनाश भऽ गेलैक! ओ दुष्‍टात्‍मा सभक निवास स्‍थान, सभ प्रकारक अशुद्ध आत्‍माक अड्डा आ प्रत्‍येक अशुद्ध आ घृणित चिड़ैक अखाढ़ा बनि गेल अछि। 3 किएक तँ सभ जातिक लोक ओकर कुकर्मक काम-वासना वला मदिरा पिने अछि, पृथ्‍वीक राजा सभ ओकरा संग कुकर्म कयने अछि आ पृथ्‍वीक व्‍यापारी सभ ओकर अपार भोग-विलास करबाक कारणेँ धनवान भऽ गेल अछि।” 4 हमरा स्‍वर्ग सँ फेर एक दोसर आवाज ई कहैत सुनाइ देलक, “हौ हमर प्रजा! ओहि महानगर मे सँ निकलि आबह जाहि सँ तोँ सभ ओकर पाप सभक सहभागी नहि बनह आ ओकरा पर आबऽ वला विपत्ति सभ तोरा सभ पर नहि औतह 5 किएक तँ ओकर पापक ढेरी स्‍वर्ग तक पहुँचि गेल अछि आ परमेश्‍वर ओकर अपराध सभ केँ नहि बिसरल छथि। 6 जहिना ओ अनका संग कयने अछि, तहिना तोँहूँ सभ ओकरा संग करह। ओकर सभ काजक लेल ओकरा सँ दुगुना बदला लैह। जाहि लोटा मे ओ अनका लेल मदिरा मिला कऽ पिऔने अछि 2 ताहि मे ओकरा लेल दुगुना मिला कऽ पिया दहक। 7 ओ जतबा अपन बड़ाइ कयलक आ सुख-विलास कयलक 2 ततबा ओकरा यातना आ पीड़ा दहक। किएक तँ ओ अपना मोन मे कहैत अछि जे, ‘हम रानी भऽ कऽ सिंहासन पर विराजमान छी। 2 हम विधवा नहि छी। हम कहियो शोक मे नहि पड़ब।’ 8 एहि कारणेँ एके दिन मे ओकरा पर ई सभटा विपत्ति औतैक— मृत्‍यु, शोक आ अकाल। ओ आगि मे भस्‍म कयल जायत, किएक तँ ओकर न्‍याय करऽ वला, प्रभु-परमेश्‍वर, सामर्थी छथि। 9 “पृथ्‍वीक राजा, जे सभ ओकरा संग कुकर्म कयलक आ ओकरा संग भोग-विलासक जीवन व्‍यतीत कयलक, से सभ जखन ओकर जरबाक धुआँ देखत तँ ओकरा लेल कानत आ शोक करत। 10 ओकरा पीड़ा केँ देखि कऽ ओ सभ भयभीत भऽ जायत आ दूरे सँ ठाढ़ भऽ कऽ कहत, ‘हे महान् बेबिलोन! हाय! हाय! हे शक्‍तिशाली महानगर! तोरा घड़िए भरि मे दण्‍ड दऽ देल गेलह।’” 11 पृथ्‍वीक व्‍यापारी सभ ओकरा लेल कानत आ शोक करत, किएक तँ आब ओकरा सभक माल केओ नहि किनतैक— 12 अर्थात् ओकरा सभक सोन, चानी, बहुमूल्‍य पाथर आ मोती; ओकरा सभक नीक मलमल, बैगनी कपड़ा, रेशमी आ लाल वस्‍त्र; अनेक प्रकारक सुगन्‍धित काठ; हाथीक दाँत सँ, बहुमूल्‍य काठ सभ सँ, पित्तरि, लोहा आ संगमरमर सँ बनल हर प्रकारक वस्‍तु; 13 ओकरा सभक दालिचीनी, मसल्‍ला, धूप, इत्र आ सुगन्‍धित तेल; मदिरा, जैतूनक तेल, मैदा आ गहुम; गाय-बड़द आ भेँड़ा, घोड़ा आ रथ; गुलाम—हँ, मनुष्‍यो सभ। 14 ओ सभ कहत, “हे बेबिलोन, जाहि फल प्राप्‍तिक तोँ कामना कयने छलह, से तोरा सँ दूर चल गेलह। तोहर सम्‍पूर्ण वैभव आ तड़क-भड़कक सर्वनाश भऽ गेलह। तोँ ई सभ फेर नहि देखबह।” 15 एहि वस्‍तु सभक व्‍यापारी सभ, जे सभ ओहि नगरक कारणेँ धनवान भऽ गेल छल, से सभ आब ओकर यातना देखि कऽ भयभीत भऽ दूरे सँ ठाढ़ भऽ कानि-कानि कऽ शोक करत, 16 आ कहत, “एहि महानगरक लेल हाय, हाय! जे नीक मलमल, बैगनी आ लाल रंगक वस्‍त्र पहिरैत छलि, आ सोन, बहुमूल्‍य पाथर आ मोती सभ सँ विभूषित छलि! 17 एकर सम्‍पूर्ण वैभव घड़िए भरि मे माटि मे मिलि गेलैक!” प्रत्‍येक जहाजक कप्‍तान, प्रत्‍येक जलयात्री, नाव चलाबऽ वला सभ आ ओ सभ लोक जे सभ समुद्र सँ जीविका चलबैत अछि, सभ दूरे ठाढ़ रहत, 18 आ ओकर जरबाक धुआँ देखि कऽ चिचिया उठत जे, “एहि महानगर जकाँ और कोन नगर छल?” 19 ओ सभ अपना मूड़ी पर गर्दा राखत आ कन्‍ना-रोहटि करैत कहत, “एहि महानगरक लेल हाय, हाय! ई, जकरा वैभव सँ जहाजक मालिक सभ धनिक भऽ गेल, से महानगर आब घड़ी भरि मे उजाड़ भऽ गेल!” बेबिलोनक विनाश सँ स्‍वर्ग मे आनन्‍द 20 “हे स्‍वर्ग, ओकर पराजय सँ आनन्‍द मनाउ! हे पवित्र लोक सभ, मसीह-दूत लोकनि आ परमेश्‍वरक प्रवक्‍ता सभ, आनन्‍द मनाउ! किएक तँ जे व्‍यवहार ओ अहाँ सभक संग कयने छलि, तकरा लेल परमेश्‍वर ओकरा दण्‍डित कऽ देलथिन।” 21 तखन एक बलवान स्‍वर्गदूत जाँतक चक्‍की सन एक विशाल पाथर उठौलनि आ समुद्र मे फेकैत कहलनि, “एही तरहेँ महानगर बेबिलोन सेहो बलपूर्बक नीचाँ फेकि देल जायत आ ओकर पता कहियो नहि चलत। 22 वीणा बजौनिहारक, गबैयाक, बाँसुरी बजौनिहारक आ धुतहू फुकऽ वला सभक आवाज तोरा मे कहियो नहि सुनाइ पड़त। कोनो व्‍यवसायक कारीगर फेर 2 कहियो तोरा मे नहि पाओल जायत। जाँत चलबाक आवाज आब तोरा मे 2 कहियो नहि सुनाइ देत। 23 डिबियाक प्रकाश तोरा मे फेर 2 कहियो नहि देखल जायत। वर आ कनियाँक बजनाइ तोरा मे 2 कहियो नहि सुनाइ पड़त। तोहर व्‍यापारी सभ संसारक सामर्थी व्‍यक्‍ति बनि गेल छल आ तोहर जादू-टोना सँ सभ जातिक लोक ठकल गेल छल। 24 ओकरा मे प्रभुक प्रवक्‍ता सभ आ पवित्र लोक सभक खून पाओल गेल, हँ, ओहि सभ लोकक खून, जे सभ पृथ्‍वी पर वध कयल गेल छल।”

Revelation 19

1 तकरबाद हम स्‍वर्ग मे विशाल जनसमूहक आवाज जकाँ ऊँच स्‍वर मे ई कहैत सुनलहुँ जे, “परमेश्‍वरक स्‍तुति होनि! उद्धार, महिमा आ सामर्थ्‍य हमरा सभक परमेश्‍वरेक छनि। 2 किएक तँ हुनकर सभ निर्णय उचित आ न्‍यायसंगत अछि। सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी केँ अपन वेश्‍यावृत्ति सँ भ्रष्‍ट करऽ वाली ओहि महावेश्‍या केँ ओ दण्‍डित कयलथिन। ओ ओकरा सँ अपन सेवक सभक खूनक बदला लऽ लेलथिन।” 3 ओ सभ फेर ऊँच आवाज मे बजलाह, “परमेश्‍वरक स्‍तुति होनि! ओहि महानगरक जरबाक धुआँ 2 अनन्‍त काल तक ऊपर उठैत रहत।” 4 तखन चौबीसो धर्मवृद्ध आ चारू जीवित प्राणी दण्‍डवत करैत सिंहासन पर विराजमान परमेश्‍वरक आराधना कयलनि आ बजलाह, “हँ, एहिना होअय! परमेश्‍वरक स्‍तुति होनि!” 5 तकरबाद सिंहासन सँ एक आवाज ई कहैत सुनाइ देलक जे, “हे परमेश्‍वरक सेवक सभ, हुनकर भय मानऽ वला सभ लोक, 2 चाहे छोट होअय वा पैघ, अपना सभक परमेश्‍वरक स्‍तुति करू!” 6 तखन हम एक विशाल जनसमूहक आवाज वा समुद्रक लहरिक आवाज वा गर्जन करैत मेघक आवाज जकाँ ई कहैत सुनलहुँ, “परमेश्‍वरक स्‍तुति होनि! किएक तँ प्रभु, अपना सभक सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर, राज्‍य कऽ रहल छथि। 7 अबैत जाउ, अपना सभ आनन्‍दित आ हर्षित होइ आ हुनकर महिमाक गुणगान करियनि! किएक तँ बलि-भेँड़ाक विवाह-उत्‍सवक समय आबि गेल अछि; हुनकर दुल्‍हिन अपना केँ तैयार कऽ लेने छथि। 8 हुनका पहिरबाक लेल साफ आ चमकैत नीक मलमलक वस्‍त्र देल गेल छनि।” नीक मलमलक वस्‍त्र प्रभुक लोक सभक धार्मिक काजक प्रतीक अछि। 9 तकरबाद ओ स्‍वर्गदूत हमरा कहलनि, “ई लिखू—धन्‍य छथि ओ सभ जे सभ बलि-भेँड़ाक विवाह-भोज मे निमन्‍त्रित भेल छथि!” ओ हमरा फेर कहलनि, “ई परमेश्‍वरक सत्‍य वचन अछि।” 10 तखन हम हुनकर आराधना करबाक लेल हुनका चरण पर खसि पड़लहुँ। मुदा ओ हमरा कहलनि, “एना नहि करू! हम तँ अहाँ जकाँ आ अहाँक भाय सभ जकाँ, जे सभ यीशुक विषय मे देल गेल गवाही पर स्‍थिर छथि, दासे छी। अहाँ परमेश्‍वरक आराधना करू, किएक तँ जे केओ यीशुक विषय मे गवाही दैत छथि, तिनका प्रवक्‍ता जकाँ परमेश्‍वरे सँ प्रेरणा भेटैत छनि।” 11 तखन हम देखलहुँ जे स्‍वर्ग खुजल अछि। हमरा एक उज्‍जर घोड़ा देखाइ देलक आ ओहि पर जे सवार छलाह से “विश्‍वासयोग्‍य” आ “सत्‍य” कहबैत छथि। ओ न्‍यायक अनुसार उचित फैसला करैत छथि आ उचित युद्ध करैत छथि। 12 हुनकर आँखि आगि जकाँ धधकैत छनि। हुनका सिर पर बहुते राजमुकुट छनि। हुनका शरीर पर एक नाम लिखल अछि जकरा हुनका छोड़ि आओर केओ नहि जनैत अछि। 13 ओ खून मे डुबाओल वस्‍त्र पहिरने छथि आ हुनकर नाम छनि “परमेश्‍वरक वचन”। 14 स्‍वर्गक सेना सभ उज्‍जर चमकैत नीक मलमलक वस्‍त्र पहिरने, उज्‍जर घोड़ा पर सवार हुनका पाछाँ-पाछाँ चलि रहल अछि। 15 जाति-जाति केँ मारबाक लेल हुनका मुँह सँ एक तेज तरुआरि बहरायल अछि। “ओ ओकरा सभ पर लोहाक राजदण्‍ड सँ शासन करताह।” ओ सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वरक भयानक क्रोध रूपी मदिराक रसकुण्‍ड मे अंगूर केँ धाँगि दैत छथि। 16 हुनका वस्‍त्र आ हुनका जाँघ पर ई नाम लिखल अछि, “राजा सभक राजा आ प्रभु सभक प्रभु।” 17 फेर हम एक स्‍वर्गदूत केँ सूर्य मे ठाढ़ देखलहुँ। ओ ऊँच स्‍वर मे आकाशक बीच उड़ऽ वला सभ चिड़ै केँ सोर पारलनि, “अबै जो, परमेश्‍वरक महाभोजक लेल जमा होइत जो। 18 तोरा सभ केँ राजा सभक, सेनापति सभक, शक्‍तिशाली पुरुष सभक, घोड़ा आ घोड़सवार सभक, आ सभ लोकक—स्‍वतन्‍त्र, दास, छोट, पैघ—सभक माँसु खयबाक लेल भेटतौक।” 19 तकरबाद हम जानबर केँ आ पृथ्‍वीक राजा सभ केँ और ओकरा सभक सेना सभ केँ ओहि घोड़सवार आ हुनकर सेना सभ सँ युद्ध करबाक लेल जमा भेल देखलहुँ। 20 ओ जानबर पकड़ल गेल आ ओकरा संग ओ झुट्ठा भविष्‍यवक्‍ता सेहो, जे ओकर सेवा करैत चमत्‍कार सभ देखौने छल। एहि चमत्‍कार सभ द्वारा ओ ओहि लोक सभ केँ बहकौने छल जे सभ जानबरक छाप ग्रहण कयने छल आ ओकर मूर्तिक पूजा कयने छल। जानबर आ झुट्ठा भविष्‍यवक्‍ता केँ गन्‍धक सँ धधकैत आगिक कुण्‍ड मे जीविते फेकि देल गेलैक। 21 बाँकी लोक ओहि घोड़सवारक मुँह सँ बहराइत तरुआरि सँ मारल गेल आ सभ चिड़ै ओकरा सभक माँसु खा कऽ अघा गेल।

Revelation 20

1 तकरबाद हम एक स्‍वर्गदूत केँ स्‍वर्ग सँ नीचाँ अबैत देखलहुँ। हुनका हाथ मे अथाह कुण्‍डक कुंजी आ बड़काटा जंजीर छलनि। 2 ओ ओहि अजगर केँ, अर्थात् प्राचीन समयक ओहि साँप केँ, जे महादुष्‍ट वा शैतान अछि, पकड़ि कऽ एक हजार वर्षक लेल बान्‍हि देलनि। 3 ओकरा अथाह कुण्‍ड मे फेकि कऽ बन्‍द कऽ देलनि आ ओहि पर मोहर मारि देलनि जाहि सँ जा धरि एक हजार वर्ष बिति नहि जाय, ता धरि ओ जाति-जातिक लोक सभ केँ आओर नहि बहका सकय। तकरबाद ओकरा किछु समयक लेल छोड़ल गेनाइ आवश्‍यक अछि। 4 तखन हम सिंहासन सभ देखलहुँ। जे सभ ओहि पर बैसल छलाह, तिनका सभ केँ न्‍याय करबाक अधिकार देल गेल छलनि। हम ओहि लोक सभक आत्‍मा सभ केँ देखलहुँ जिनका सभक सिर यीशुक गवाही देबाक कारणेँ आ परमेश्‍वरक वचन सुनयबाक कारणेँ काटि देल गेल छलनि। ओ सभ ने तँ ओहि जानबरक आ ने ओकर मूर्तिक पूजा कयने छलाह, ने अपना कपार वा हाथ पर ओकर छाप लगबौने छलाह। ओ सभ फेर जीवित भऽ हजार वर्ष तक मसीहक संग राज्‍य कयलनि। 5 ई पहिल जीबि उठनाइ अछि। बाँकी मरल लोक सभ हजार वर्ष समाप्‍त भेलाक बादे जीवित भेल। 6 धन्‍य आ पवित्र छथि ओ सभ, जे पहिल जीबि उठनाइ मे सहभागी छथि। एहन लोक सभ पर दोसर मृत्‍युक कोनो प्रभाव नहि पड़त। ओ सभ परमेश्‍वर आ मसीहक सेवाक लेल पुरोहित होयताह आ हुनका संग हजार वर्ष तक राज्‍य करैत रहताह। 7 हजार वर्ष पुरि गेलाक बाद शैतान केँ अपन बन्‍हन सँ मुक्‍त कऽ देल जयतैक। 8 ओ पृथ्‍वीक चारू कोनाक राष्‍ट्र सभ केँ, अर्थात् “गोग” आ “मागोग” केँ बहकयबाक लेल आ युद्धक लेल जमा करबाक हेतु निकलत। ओकरा सभक संख्‍या समुद्रक बालु जकाँ असंख्‍य रहतैक। 9 ओ सभ सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी पर पसरि कऽ परमेश्‍वरक लोक सभक निवास स्‍थान केँ, अर्थात्, परमेश्‍वरक प्रिय नगर केँ, घेरि लेलक। मुदा स्‍वर्ग सँ आगि बरसल आ ओकरा सभ केँ भस्‍म कऽ देलकैक। 10 तखन शैतान, जे ओकरा सभ केँ बहकौने छलैक, तकरा आगि आ गन्‍धकक कुण्‍ड मे फेकि देल गेलैक, जाहिठाम जानबर आ झुट्ठा भविष्‍यवक्‍ता केँ फेकल गेल छलैक। ओ सभ दिन-राति अनन्‍त काल धरि अत्‍यन्‍त कष्‍ट भोगैत रहत। 11 तकरबाद हम एक विशाल उज्‍जर सिंहासन आ ओहि पर विराजमान व्‍यक्‍ति केँ देखलहुँ। हुनका सोझाँ सँ पृथ्‍वी आ आकाश लुप्‍त भऽ गेल और ओकर कोनो नामो-निशान नहि रहल। 12 तखन हम छोट-पैघ, सभ मरल लोक केँ सिंहासनक सम्‍मुख ठाढ़ देखलहुँ आ पुस्‍तक सभ खोलल गेल। तकरबाद एक आओर पुस्‍तक खोलल गेल जे जीवनक पुस्‍तक अछि। मरल सभक कयल कर्म, जे पुस्‍तक सभ मे लिखल गेल छलैक, ताहि अनुसार ओकरा सभक न्‍याय कयल गेलैक। 13 समुद्र ओहि मरल सभ केँ जे ओकरा मे छल, प्रस्‍तुत कयलक। तखन मृत्‍यु आ पाताल अपन-अपन मरल सभ केँ प्रस्‍तुत कयलक। ओकरा सभ मे सँ प्रत्‍येक व्‍यक्‍तिक न्‍याय ओकरा कर्मक अनुसार कयल गेलैक। 14 तकरबाद मृत्‍यु आ पाताल, दूनू केँ आगिक कुण्‍ड मे फेकि देल गेलैक। ई आगिक कुण्‍ड दोसर मृत्‍यु अछि। 15 जकरा सभक नाम जीवनक पुस्‍तक मे लिखल नहि भेटलैक तकरा सभ केँ आगिक कुण्‍ड मे फेकि देल गेलैक।

Revelation 21

1 तखन हम एक नव आकाश आ एक नव पृथ्‍वी देखलहुँ। पुरान आकाश आ पुरान पृथ्‍वी, दूनू लुप्‍त भऽ गेल छल आ आब समुद्रो नहि रहल। 2 तकरबाद हम पवित्र नगर, नव यरूशलेम, केँ स्‍वर्ग सँ परमेश्‍वर लग सँ उतरैत देखलहुँ। ओ अपन वरक लेल श्रृंगार कयल गेल नव कनियाँ जकाँ सजाओल गेल छल। 3 तखन हमरा सिंहासन सँ एक आवाज जोर सँ ई कहैत सुनाइ पड़ल, “देखू, परमेश्‍वरक निवास आब मनुष्‍यक बीच मे छनि। परमेश्‍वर ओकरा सभक संग निवास करताह। ओ सभ हुनकर प्रजा होयत आ परमेश्‍वर अपने ओकरा सभक बीच रहि कऽ ओकरा सभक परमेश्‍वर होयथिन। 4 ओ ओकरा सभक आँखिक सभ नोर पोछि देथिन। तकरबाद ने मृत्‍यु रहत, ने शोक, ने विलाप आ ने कष्‍ट, किएक तँ पहिलुका बात सभ समाप्‍त भऽ गेल अछि।” 5 तकरबाद सिंहासन पर जे विराजमान छलाह, से व्‍यक्‍ति हमरा कहलनि, “देखू, सभ किछु हम नव बना दैत छी।” तखन ओ हमरा कहलनि, “ई बात सभ लिखू, किएक तँ ई सत्‍य अछि और एहि पर भरोसा राखल जा सकैत अछि।” 6 ओ हमरा फेर कहलनि, “पूर्ण भऽ गेल! हम अल्‍फा और ओमेगा, अर्थात् शुरुआत आ अन्‍त छी। जे केओ पियासल होअय तकरा हम मङनी मे जीवनक जलक सोता सँ पिअयबैक। 7 जे सभ विजयी होयत, से सभ ई बात सभ प्राप्‍त करबाक अधिकारी होयत। हम ओकरा सभक परमेश्‍वर होयबैक आ ओ सभ हमर पुत्र होयत। 8 मुदा डरपोक सभक, अविश्‍वासी सभक, घृणित लोकक, हत्‍यारा सभक, अनैतिक शारीरिक सम्‍बन्‍ध राखऽ वला सभक, जादू-टोना कयनिहार सभक, मुरुतक पूजा कयनिहार सभक आ सभ झूठ बजनिहारक स्‍थान ओहि आगिक कुण्‍ड मे होयतैक जे गन्‍धक सँ धधकैत रहैत अछि। यैह अछि दोसर मृत्‍यु।” 9 तकरबाद जाहि सात स्‍वर्गदूत सभ लग सातटा अन्‍तिम विपत्ति सँ भरल सात कटोरा छलनि, तिनका सभ मे सँ एक गोटे हमरा लग आबि कऽ कहलनि, “एतऽ आउ, हम अहाँ केँ दुल्‍हिन, अर्थात् बलि-भेँड़ाक स्‍त्रीक दर्शन करायब।” 10 तखन ओ हमरा प्रभुक आत्‍माक नियन्‍त्रण मे राखि कऽ एक विशाल आ उँचगर पहाड़ पर लऽ जा कऽ पवित्र नगर, अर्थात् यरूशलेम, देखौलनि। ओ नगर परमेश्‍वर लग सँ स्‍वर्ग सँ उतरि रहल छल। 11 ओ परमेश्‍वरक महिमाक तेज सँ प्रकाशित छल आ बहुमूल्‍य पाथरक समान, सूर्यकान्‍त वा आर-पार देखाय वला सीसा जकाँ चमकि रहल छल। 12 ओकर चारू कात एक पैघ आ उँचगर छहरदेवाली छल जाहि मे बारहटा फाटक छल आ प्रत्‍येक फाटक पर एक-एकटा स्‍वर्गदूत ठाढ़ छलाह। सभ फाटक पर इस्राएलक बारहो कुल मे सँ एक-एक कुलक नाम लिखल छल। 13 पूब दिस तीन फाटक, उत्तर दिस तीन फाटक, दक्षिण दिस तीन फाटक आ पश्‍चिम दिस तीन फाटक छल। 14 नगरक छहरदेवाली बारहटा न्‍योक पाथर पर बनाओल गेल छल जाहि पर बलि-भेँड़ाक बारहो मसीह-दूतक नाम लिखल छल। 15 जे स्‍वर्गदूत हमरा सँ बात कऽ रहल छलाह तिनका लग नगर आ ओकर फाटक सभ आ नगरक छहरदेवाली केँ नपबाक लेल सोनाक एकटा नापऽ वला लग्‍गा छलनि। 16 नगर चौखूट छल। ओकर लम्‍बाइ आ चौराइ बराबरि छल। ओ लग्‍गा सँ नगर केँ जखन नपलनि तँ ओकर लम्‍बाइ 800 कोस भेल। ओकर लम्‍बाइ, चौराइ आ उँचाइ एके रंग छलैक। 17 नगरक छहरदेवाली केँ जखन नपलनि, तँ ओकर मोटाइ मनुष्‍य सभक नापक अनुसार, जे नाप स्‍वर्गदूत सेहो प्रयोग कयलनि, 144 हाथ भेल। 18 नगरक छहरदेवाली सूर्यकान्‍त पाथर सँ बनल छल, आ नगर शुद्ध सोन सँ बनल छल, जे साफ सीसा जकाँ आर-पार देखाइ दैत छल। 19 ओहि नगरक न्‍यो हर प्रकारक बहुमूल्‍य पाथर सँ सुसज्‍जित छल। न्‍योक पहिल पाथर सूर्यकान्‍तक, दोसर नीलमक, तेसर गोदन्‍तीक, चारिम मरकतक, 20 पाँचम सुलेमानीक, छठम गोमेदक, सातम स्‍वर्णमणिक, आठम पेरोजक, नवम पुखराजक, दसम लहसनियांक, एगारहम धूम्रकान्‍तक आ बारहम चन्‍द्रकान्‍तक छल। 21 बारहो फाटक बारह मोती सँ बनल छल। प्रत्‍येक फाटक एक-एकटा मोतीक बनल छल। ओहि नगरक मुख्‍य सड़क आर-पार देखाय वला सीसा जकाँ शुद्ध सोन सँ बनल छल। 22 हम ओहि नगर मे कोनो मन्‍दिर नहि देखलहुँ, किएक तँ सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर आ बलि-भेँड़ा ओकर मन्‍दिर छथि। 23 नगर मे सूर्य आ चन्‍द्रमाक प्रकाशक आवश्‍यकता नहि अछि, किएक तँ परमेश्‍वरक महिमाक तेज ओकर इजोत होइत अछि आ बलि-भेँड़ा ओकर डिबिया छथि। 24 जाति-जातिक लोक सभ नगरक इजोत मे चलत आ पृथ्‍वीक राजा सभ अपन वैभव केँ ओहि मे लाओत। 25 नगरक फाटक कखनो दिन मे बन्‍द नहि कयल जायत आ राति ओतऽ होयबे नहि करत। 26 ओहि नगर मे जाति-जातिक लोक सभक वैभव आ सम्‍मान लाओल जायत। 27 मुदा कोनो अपवित्र वस्‍तु आ घृणित काज कयनिहार अथवा झूठ पर आचरण कयनिहार व्‍यक्‍ति ओहि नगर मे प्रवेश नहि कऽ पाओत, बल्‍कि मात्र ओ लोक सभ जिनकर नाम बलि-भेँड़ाक जीवनक पुस्‍तक मे लिखल छनि।

Revelation 22

1 आब ओ स्‍वर्गदूत हमरा जीवन-जलक नदी देखौलनि, जे आर-पार देखाय वला सीसाक समान साफ छल आ जे परमेश्‍वर और बलि-भेँड़ाक सिंहासन सँ निकलि कऽ, 2 नगरक मुख्‍य सड़कक बीच बाटे बहि रहल छल। नदीक दूनू कात मे जीवनक गाछ छल जे साल मे बारह बेर फड़ैत छल—हर मास मे एक बेर। ओहि गाछक पात जाति-जातिक लोक सभ केँ स्‍वस्‍थता प्रदान करबाक लेल छल। 3 ओतऽ आब कोनो सरापित बात नहि रहत। परमेश्‍वरक आ बलि-भेँड़ाक सिंहासन ओहि नगर मे रहत, आ हुनकर सेवक सभ हुनकर आराधना करथिन। 4 ओ सभ हुनकर मुँह देखथिन आ हुनका सभक कपार पर हुनकर नाम लिखल रहतनि। 5 ओतऽ फेर कखनो राति नहि होयत। ओकरा सभ केँ डिबियाक इजोत वा सूर्यक प्रकाशक आवश्‍यकता नहि होयतैक, किएक तँ प्रभु परमेश्‍वर ओकरा सभक प्रकाश रहथिन, आ ओ सभ युगानुयुग राज्‍य करैत रहताह। 6 तकरबाद स्‍वर्गदूत हमरा कहलनि, “ई बात सभ सत्‍य अछि और एहि पर भरोसा राखल जा सकैत अछि। प्रभु परमेश्‍वर, जे अपन प्रवक्‍ता सभ केँ प्रेरित करैत छथि, से अपना स्‍वर्गदूत केँ पठौलनि जाहि सँ ओ अपना सेवक सभ केँ ओ घटना सभ देखबथि जे जल्‍दी होमऽ वला अछि।” 7 “देखू, हम जल्‍दिए आबऽ वला छी। धन्‍य छथि ओ सभ, जे सभ एहि पुस्‍तकक भविष्‍यवाणीक बात सभ केँ मानैत छथि।” 8 हम, यूहन्‍ना, अपने ई बात सभ देखलहुँ आ सुनलहुँ। ई बात सभ देखि कऽ आ सुनि कऽ हम एहि बात सभ केँ देखाबऽ वला स्‍वर्गदूतक आराधना करबाक लेल हुनका चरण पर खसि पड़लहुँ। 9 मुदा ओ हमरा कहलनि, “एना नहि करू! हम तँ अहाँ जकाँ आ अहाँक भाय सभ, अर्थात्, ओ सभ जे प्रभुक प्रवक्‍ता सभ छथि, तिनका सभ जकाँ आ एहि पुस्‍तकक बात सभ केँ माननिहार सभ लोक जकाँ दासे छी। अहाँ परमेश्‍वरेक आराधना करू!” 10 ओ हमरा आगाँ कहलनि, “अहाँ एहि पुस्‍तकक भविष्‍यवाणीक बात सभ केँ गुप्‍त नहि राखू, किएक तँ समय लगचिआ गेल अछि। 11 जे अन्‍याय करैत अछि से अन्‍याये करैत रहओ, जे भ्रष्‍ट अछि से भ्रष्‍टे बनल रहओ, जे नीक काज करैत अछि, से नीके करैत रहओ, आ जे पवित्र अछि से पवित्रे बनल रहओ।” 12 “देखू, हम जल्‍दिए आबि रहल छी। हमरा लग प्रत्‍येक मनुष्‍य केँ ओकरा कर्मक अनुसार देबाक लेल प्रतिफल अछि। 13 हम अल्‍फा आ ओमेगा, पहिल आ अन्‍तिम, शुरुआत आ अन्‍त छी। 14 धन्‍य छथि ओ सभ जे अपन वस्‍त्र केँ धोइत छथि। हुनका सभ केँ जीवनक गाछक फल खयबाक और नगर मे जयबाक लेल फाटक सभ बाटे प्रवेश करबाक अधिकार भेटतनि। 15 मुदा ‘कुकुर’, जादू-टोना कयनिहार, अनैतिक शारीरिक सम्‍बन्‍ध रखनिहार, हत्‍यारा, मुरुतक पूजा कयनिहार, आ असत्‍य सँ प्रेम कयनिहार और ओहि पर आचरण कयनिहार बाहरे रहि जायत। 16 “हम, यीशु, स्‍वयं अपना स्‍वर्गदूत केँ पठौने छी जाहि सँ ओ अहाँ सभ केँ एहि बात सभक गवाही देथि, आ अहाँ सभ मण्‍डली सभ केँ दी। हम दाऊद-वंशक मूल छी, दाऊदक श्रेष्‍ठ वंशज छी, हम भोरक चमकैत तारा छी।” 17 परमेश्‍वरक आत्‍मा आ बलि-भेँड़ाक दुल्‍हिन कहैत छथि, “आउ!” जे सभ सुनैत अछि सेहो सभ कहओ, “आउ!” जे पियासल होअय, से आबओ। जे चाहैत होअय, से बिनु मूल्‍य दऽ कऽ जीवन-जल प्राप्‍त करओ। 18 जे लोक सभ एहि पुस्‍तकक भविष्‍यवाणीक बात सभ सुनैत अछि, हम तकरा सभ केँ ई चेतावनी दैत छिऐक जे, “जँ केओ एहि मे किछु जोड़त तँ परमेश्‍वर एहि पुस्‍तक मे लिखल विपत्ति सभ ओकरा जीवन मे जोड़ि देथिन। 19 और जँ केओ भविष्‍यवाणीक एहि पुस्‍तकक बात सभ मे सँ कोनो बात हटा देत, तँ परमेश्‍वर जीवनक गाछ आ पवित्र नगर, जाहि सभक वर्णन एहि पुस्‍तक मे कयल गेल, ताहि मे सँ ओकर हिस्‍सा हटा देथिन।” 20 जे एहि बात सभक गवाही दऽ रहल छथि, से ई कहैत छथि, “हँ, हम जल्‍दी आबऽ वला छी।” आमीन! हे प्रभु यीशु, आउ! 21 प्रभु यीशुक कृपा अहाँ सभ गोटे पर बनल रहय। आमीन।



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